यू तो विधान सभा चुनाव अभी 3 वर्ष दूर है, वो बात अलग है कि पूरे प्रदेश में जिले में सबसे बड़ी हार लेकर अपनी पीठ ठोकने वाली समाजवादी पार्टी इकाई ने गौतम बुध नगर में इसको लेकर दावेदारों ने तैयारी शुरू कर दी है । दरअसल यहां के इतिहास के अनुसार अभी तक नोएडा और दादरी दोनों ही सीटों पर तीन-तीन बार सुनील चौधरी और राजकुमार भाटी हार चुके हैं । इस बार प्रदेश भर में समाजवादी पार्टी के लहर में यह माना जा रहा था कि गाजियाबाद से आकर चुनाव लड़ने वाले डॉक्टर महेंद्र नागर बीजेपी के डॉक्टर महेश शर्मा को हराने में कामयाब रहेंगे। किंतु इस बार समाजवादी पार्टी प्रत्याशी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के आने के बाबजूद हारने के मामले में अपना ही विधानसभा का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। ऐसी पार्टी में कमजोर प्रत्याशी और संगठन की कमजोर रणनीति के तौर पर देखा गया ।
ऐसे में जिले से नोएडा महानगर और जिला अध्यक्ष के हटाए जाने की चर्चाएं चल रही थी। इन चर्चाओं से इतर बुधवार को मुहर्रम के दिन समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी ने आम पार्टी का आयोजन किया। जिसमें पूरे जिले से बामुश्किल 100 नेता ही जुटे। रोचक तथ्य यह भी है कि इस पार्टी में समाजवादी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी डॉक्टर महेंद्र नागर दिखाई नहीं दिए, लोगो का दावा है कि चुनाव हारती ही प्रत्याशी वापस अपने गाजियाबाद अस्पताल में लग गए है।

मुहर्रम के दिन ही आम पार्टी रखने पर भी पार्टी में दबे सुर में कई चर्चाएं चल रही है । पार्टी के लोगो ने कहा कि जिलाध्यक्ष को इस समय ऐसे आयोजन से बचना चाहिए था ।
पार्टी सूत्रों की माने तो सुधीर भाटी की आम पार्टी में कई लोगों ने उन्हें चुनाव की तैयारी करने को कहा इसके बाद उन्होंने लोगों से मुस्कुराते हुए कहा पार्टी जिसे टिकट देगी वह चुनाव लड़ेगा और यही से इस पार्टी में खेल शुरू हो गया क्योंकि यहीं पर पार्टी से तीन बार चुनाव लड़कर हारने वाले राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी भी मौजूद थे। ऐसे में प्रत्यक्षदर्शियो का कहना है कि सुधीर भाटी के मन में स्वयं चुनाव लड़ने की इच्छा है इसलिए उन्होंने डिप्लोमेटिक्ली जवाब दिया कि पार्टी जिसको चुनाव लड़ेगी वह लड़ेगा किंतु अगर अपने ही वरिष्ठ नेता राजकुमार भाटी के लिए चुनाव लड़ने को कहते तो संभव है जिला अध्यक्ष के तौर पर उनकी बात ज्यादा बड़ी हो जाती ।
जानकारी के अनुसार की माने तो राजकुमार भाटी ने फिलहाल तो इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। किंतु वह इस बात पर बहुत देर तक शांत रहेंगे इसकी संभावना भी अब कम नजर आती है। पार्टी के कई लोगों का कहना है कि राजकुमार भाटी के सामने चुनावी रेस में जो भी सबसे पहले आगे निकलना शुरू करता है चुनाव तक आते-आते उसका नंबर कट जाता है और अप्रत्याशित रूप से फिर से राजकुमार भाटी ही दादरी से चुनाव लड़ रहे होते हैं ऐसे में कहीं जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी का उतावलापन उनके सपनों को पहले पायदान पर ही ना तोड़ दे और आम पार्टी जिलाध्यक्ष के तौर पर उनकी अंतिम पार्टी ना बन कर रह जाए ।



