रविवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट मैं जगह-जगह लोग सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरने जा रहे हैं कदाचित लोग बीते 12 वर्षों से विभिन्न सरकारों द्वारा मेट्रो के सपने के अब तक पूरा न होने के खिलाफ व्यथित होकर यह कदम उठाने जा रहे हैं इसके लिए बाकायदा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें तमाम लोग स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर अपना गुस्सा भी निकल रहे हैं। परेशान लोग रविवार को अलग-अलग जगह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए तैयार हो रहे हैं और शनिवार को ट्विटर पर कैंपेन कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि 12 वर्ष पहले इस जगह को लेकर बिल्डरों ने सबसे पहले यह दावा किया था कि 4 साल के अंदर यहां मेट्रो चलनी शुरू हो जाएगी। उसके बाद यहां के सांसद विधायकों ने यहां मेट्रो को लेकर 2 चुनाव निकाल दिए किंतु 12 साल बाद भी मेट्रो के रूट पर सरकारी आस्था के तय नहीं कर पाई है । अब एक बार फिर से 2024 के चुनाव से पहले मेट्रो के रूट को उन्हें परिभाषित करने के नाम पर मुद्दे को उछाल दिया गया है ताकि नए रूट के संयोजन के नाम पर लोगों की भावनाओं का दोहन किया जा सके।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बार संगठन नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि हर वक़्त ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ सौतेला व्यवहार किया गया हैl ये एक ऐसा विकसित शहर है जहां एक भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है, एक भी स्टेडियम नहीं है, श्मशान घाट तक नहीं है, अस्पताल नहीं है… ये सब का जिम्मेदार हमारे सोसाइटी के छूट भैया नेता है जो नेतागण को अतिथि के तौर पर होली, दशहरा, दिवाली मे सोसाइटी मे बुला तो लेते हैं लेकिन उनसे सवाल करने नहीं देतेl अब समय है जागने का अगर आज भी हम सवाल नहीं करेंगे.. अपने अधिकार की लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो हमारे साथ हमेसा सौतेला व्यवहार किया जाएगाl एक बार जागये और अपने अधिकार के लिए आगे आए।
नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने इसको लेकर लिखा है कि मेरे ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो कब तक आएगी ?? आज लगभग 12 साल हो गए हैं हर चुनाव में बोला जाता है कि मेट्रो जल्द आएगी लेकिन आज तक मेट्रो का कहीं नामोनिशान नहीं है और जनता परेशान हो रही है।
जागो बायर्स जागो के संयोजक नरेश नौटियाल पूछ रहे है सुनो ग्रेनो वेस्ट जनता की पुकार,आखिर कब तक पुरी होगी जुमलो की दरख्वास्त? कब तक मेट्रो लाओगे मेरी डबल इंजन की सरकार। वो आगे कहते है कि यहां बहुत अंधभक्त है मेट्रो.. बस.. चले ना चले…अंधे बनना उनको पसंद है… कुछ कहो या पूछो वो तो यही कहेँगे। कोई नहीं 29 तक तो आ ही जायेगी…
एक निवासी मनजीत सिंह ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट यूपी का एकमात्र ऐसा शहर है जहां सार्वजनिक परिवहन के लिए कुछ नहीं है। यहां लाखों लोग रहते हैं। सालों से नेताओं के वादों में मेट्रो है, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं है।
रूट बदलने के फैसले पर दिनकर पांडे का कहना है कि इंटरचेंज स्टेशन पर भीड़ होती है पार्किंग की भी जरूरत होती है। अगली बार शायद सेक्टर 61 इंटरचेंज इस आधार पर रिजेक्ट हो जाय। जगह की कमी है। अफसर चाहें तो वहीं टर्न पर इंटरचेंज बन सकता है, बिना रूट बदले।
मेट्रो में देरी को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर गुस्सा निकालते हुए ग्रेनो वेस्ट निवासी नितिन त्यागी का कहना है कि ये नेता फिर मेट्रो क्या नया लॉलीपॉप दे रहे है नया रूट का बहाना। क्या कमी थी पुराने रूट पर जिसका सब कुछ तैयार था ।वादा किया था मेट्रो का काम जल्द सुरु हो जायेगा।नोएडा एक्सटेंशन में जो सत्ता में बैठे नेता है उनका प्रवेश प्रतिबंधित करना पड़ेगा।कल हम सब एक मूर्ति जरूर पहुचे ।एकता दिखानी है।