लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव को लेकर जैसे-जैसे भाजपा के सूत्रों भाजपा में टिकट की स्थिति साफ होती जा रही है वैसे-वैसे गौतम बुध नगर जिले से टिकट के दावेदारों की संख्या भी कम होती जा रही है गौतम बुद्ध नगर में लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा के सामने छटे नंबर पर प्रतिद्वंदी माने जा रहे गोपाल कृष्ण अग्रवाल की स्थिति भी अब कमजोर होती दिखाई दे रही है । बीते 6 महीने से सोशल मीडिया और शहर में पोस्टर वार के जरिए टिकट पाने का दावा कर रहे गोपाल कृष्ण अग्रवाल के बारे में अब कहा जा रहा है कि वह संगठन के साथ-साथ जनता के बीच रीछ (पहुँच) बनाने में मिल रही असफलता से परेशान हो रहे हैं।
भाजपा के सूत्रों की माने तो बीते 6 महीने में तमाम प्रयास करने के बावजूद गोपाल कृष्ण अग्रवाल को उम्मीद के मुताबिक जनता के मन में स्थान नहीं मिल पाया है। मन मुताबिक जनता तक रीच न मिल पाने से गोपाल कृष्ण अग्रवाल इन दिनों समाजसेवियों, फ्लैट बाएर्स नेताओ, पत्रकारो, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और भाजपा के तमाम संगठनों के नेताओं से मुलाकात करने और उसके जरिए अपनी पहुंच जताने के कोशिश में लगे हुए हैं किंतु संगठन के नेताओं ने चुनावी साल देखते हुए किसी भी नेता के साथ खुलकर खड़े से इनकार कर दिया है।
भाजपा से जुड़े के संगठन से जुड़े कई लोगों ने एनसीआर खबर से बातचीत में स्वीकार किया कि लगातार गोपाल कृष्ण अग्रवाल के से जुड़े लोग उनसे पब्लिक मुलाकात और कार्यक्रम करवाने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं किंतु डॉक्टर महेश शर्मा के सामने कोई भी संगठन का पदाधिकारी छठे नंबर के प्रत्याशी प्रतिद्वंदी के साथ खड़ा दिखाई देना नहीं चाहता है ।
स्थिति यह है कि स्वयं गोपाल कृष्ण अग्रवाल के नमो सेवा केंद्र से जुड़े विवाद भी अब सामने आने लगे हैं जेवर में नमो सेवा केंद्र के उद्घाटन के बाद जिस तरीके से गोपाल कृष्ण अग्रवाल उद्घाटन करते ही जनता से मिलने की जगह वहां से चले गए उसको लेकर संगठन में कई तरीके की बातें हैं I लोगों का कहना है कि गोपाल कृष्ण अग्रवाल का ऐसा व्यवहार देखकर पार्टी के संगठन के लोग कह रहे हैं कि अभी तो इनका टिकट भी नहीं मिलने की संभावना बन रही है तब इतना एटीट्यूड है अगर गलती से इनका टिकट मिल जाता है तो जनता को संगठन के लोग किया जवाब देंगे ।
वहीं खुर्जा में नमो सेवा केंद्र के उद्घाटन में वहां के विधायक के न पहुंचने को भी गोपाल कृष्ण अग्रवाल की नाकामी माना जा रहा है और अब लोग कह रहे हैं कि 6 महीने में पैराशूट के सहारे उतरकर जनता के मन में जगह बनाने की गोपाल कृष्ण अग्रवाल की आदत ही उन्हें नाकामी देती है 2014 उसके बाद 2019 और अब 2024 में लगातार तीसरी बार ऐसा है जब वह चुनाव से 6 महीने पहले क्षेत्र में जनता के बीच उतरते हैं और फिर टिकट न मिलने के बाद गायब हो जाते हैं ऐसे में जनता को तीसरी बार भी अभी यह यकीन नहीं हो रहा है की यह 6 महीने में खुले नमो सेवा केंद्र 15 फरवरी के बाद भी काम करना जारी रखेंगे या फिर इतिहास अपने आप को दोहरा देगा ।