संघर्ष के समय नज़र नहीं आते, परंतु सफलता मिलने पर श्रेय लेने वालों की होड़ लग जाती है।
सब जानते हैं किसने संघर्ष किया,
ये जो पब्लिक है सब जानती है!!
नेफोवा के ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) हैंडल से जब यह ट्वीट किया गया तो इस ट्वीट के कई मायने निकाले गए हैं लोगों ने कहा है कि फ्लैट रजिस्ट्री के मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अमिताभ कांड की जिस रिपोर्ट को लागू करने की बात की गई है उसके क्रेडिट में गौतम बुद्ध नगर के सांसद समेत विधायकों के बीच जिस तरीके से क्रेडिट लेने की होड़ मची है उसे इस कमेटी के अध्यक्ष और फ्लैट बायर्स की लड़ाई लड़ने वाली संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का दर्द झलका है।
कदाचित बीते 50 हफ्तों से भी ज्यादा समय से अभिषेक कुमार फ्लैट बायर्स के संग लगातार हर रविवार सड़कों पर उतरकर इसके लिए प्रदर्शन करते रहे इसके बाद अमिताभ कांत की अगुवाई में यह कमेटी बनाई गई और नेफोवा के सदस्यों के सहयोग से तमाम बातों को उसका रिपोर्ट में लिखा गया काफी दिनों से इस रिपोर्ट के को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की स्वीकृति की बात कही जा रही थी और अंततः मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने इस रिपोर्ट के आधार पर संतुति करने की बात मान ली।
अमिताभ कांत की रिपोर्ट के लागू होने की बात के बाहर आते ही गौतम बुद्ध नगर के नेताओं में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई । गौतम बुध नगर सांसद डॉक्टर महेश शर्मा और उनके के समर्थकों ने जहां संसद में अपने पुराने वीडियो को शेयर कर इसका क्रेडिट लेने में सबसे आगे रहने का प्रयास किया। वहीं शहर के तीनों विधायकों ने भी अपने-अपने लिखे पत्रों को सार्वजनिक कर यह कहना शुरू कर कहा कि इस बात के लिए उनकी मेहनत रंग लाई।
साथ ही महज एक माह पहले रिपोर्ट के आधार पर ही एक श्वेत पत्र लाकर चुनावी मैदान में भाजपा से टिकट के लिए डटे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भी बायर्स के रजिस्ट्री को लेकर अपना दावा ठोक दिया । यद्यपि यह प्रश्न अभी उनसे पूछा जाना चाहिए कि उनके श्वेत पत्र लाने और से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस रिपोर्ट को लागू करने में क्या संबंध है । क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके श्वेत पत्र के आधार पर भी कोई फैसला लिया है या फिर गौतम बुध नगर जिले से टिकट की दौड़ में वह भी बस लोगों के बीच अपना दावा कर रहे हैं।
एक तरफ जहां नेताओ में क्रेडिट की होड़ लगी है तो वही सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को अभी तक यह भी नहीं पता कि आखिर उसे रिपोर्ट में से कितनी बातें मानी गई हैं और कितनी नहीं माने गई है इस रिपोर्ट के लागू होने के बावजूद कितने लोगों को न्याय मिलेगा और कितने लोगों की समस्याएं अभी वहीं की वही रहेंगी किंतु चुनावी दौर में नेताओं की क्रेडिट लेने की होड़ से बायर्स और बायर्स के संस्थान नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार बेहद दुखी नजर आए ।
नेफोवा की पूरी टीम अभी तक इस मामले पर सीधा कुछ भी कहने से बच रही है क्योंकि उनके पास पूरी जानकारी नहीं है नेताओं से उलट उन्हें अपने साथ प्रदर्शन करने वाले तमाम लोगों को जवाब देने हैं जहां उन्हें यह बताना है कि यह फैसला सिर्फ फ्लैट बायर्स के लिए है या फिर इसमें कमर्शियल प्रोजेक्ट में फंसे लोगों को भी कोई राहत मिलेगी ।
एनसीआर खबर ने नेताओं और समाजसेवियों के बीच चल रही केर्डिट लेने की होड़ के बीच आपसे राय मांगी है ताकि जनता की राय भी इस पर आ सके । अगर आप भी अपना वोट इसमें देना चाहते हैं तो जरूर दीजिए ताकि जनता की बात सरकारों और नेताओं तक पहुंच सके और क्रेडिट लेने की होड़ में असली मेहनत करने वालों की आवाज कहीं दब के ना रह जाए