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कुत्ता पालने वाले हो जाएं सावधान, गाजियाबाद की इस कुत्ता प्रेमी महिला को देना पड़ा भारी अर्थदंड

दिल्ली एनसीआर में कुत्ता पालने वाले कुत्ता प्रेमियों को सावधान होने की आवश्यकता है आपकी एक गलती या नियमों को पालन न करने की आदत आपको भारी अर्थ दंड के लिए बाध्य कर सकती है। गाजियाबाद में की राजनगर एक्सटेंशन स्थित अजनारा इंटीग्रिटी सोसाइटी में 27 अप्रैल को 6 साल की मासूम बच्ची पर हमला करने वाले जर्मन शेफर्ड कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। अब नगर निगम की जांच में यह बात सामने आने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने जर्मन शेफर्ड नस्ल का कुत्ता पालने वाली महिला को नोटिस भी जारी किया । इसके बाद पंजीकरण न करने के कारण उन पर ₹10000 का एक्सीडेंट लगाया गया है। गाजियाबाद में कुत्ता प्रेमियों से अर्थ दंड वसूलने की यह पहली घटना है।

निगम के उपमुख्यमंत्री चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुज कुमार सिंह के अनुसार नई नीति के तहत कुत्तों का पंजीकरण शुल्क ₹1000 है वही प्रतिवर्ष किए जाने वाला नवीनीकरण शुल्क ₹500 है जबकि बिना पंजीकरण के कुत्ता पालने पर ₹10000 का अर्थ दंड लगाने का प्रावधान है।

आपको बता दें कि गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में पालतू कुत्तों की संख्या लगभग 20000 से ज्यादा होने का अनुमान है किंतु अभी तक मात्र 6000 लोगों ने ही कुत्तों का पंजीकरण कराया है प्रतिबंध नस्ल के कुत्तों को पालने और उनके प्रजनन पर भी ₹10000 का अर्थ दंड का प्रावधान है जो लोग ऐसे कुत्तों को पाल रहे हैं उन कुत्तों की नसबंदी कराना भी अनिवार्य है ।

एनसीआर खबर में इस घटनाक्रम के बाद कुत्ता प्रेमियों की संस्था फा से बात करने की कोशिश की किंतु अभी तक संपर्क नहीं हो सका है दरअसल कुत्ता प्रेमियों के तर्क कुत्तों के रजिस्ट्रेशन को लेकर अजीब रहते हैं । उनको ₹1000 का पंजीकरण और प्रतिवर्ष 500 रुपए का नवीनीकरण शुल्क भारी लगता है जबकि कुत्ता ना पालने वाले लोगों का तर्क है कि कुत्ता प्रेमी एक कुत्ते के ऊपर प्रतिवर्ष लगभग ₹25000 का खर्च करते हैं ऐसे में उन्हें सरकार को हजार या ₹500 देने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए क्योंकि वह कुत्तों को किसी दया के लिए नहीं बल्कि अपने स्टेटस के लिए पालते हैं । साथी इन कुत्तों के पालने से आसपास रहने वाले लोगों को गंभीर दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है और परेशानियां भी होती है ऐसे में कुत्ता पालने वाले लोगों पर काम से कम ₹5000 का पंजीकरण शुल्क होना चाहिए और इतनी ही राशि से प्रतिवर्ष नवीनीकरण भी किया जाना चाहिए ।

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