संसद में हिंदुओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बयान पर हंगामा मच गया विपक्ष यहां ऐसे राहुल गांधी का मास्टर स्टॉक बता रहा है वहीं भाजपा के नेता हिंदुओं को लेकर विपक्ष खास तौर पर कांग्रेस के राहुल गांधी की अवधारणा पर हमला कर। रहा है ।
बड़ा प्रश्न यह है कि राहुल गांधी को बीजेपी को गिरने के लिए हिंदुओं को आंसर बताने के क्या आवश्यकता हुई क्या राहुल गांधी और उनकी सलाहकार टीम लगातार हिंदुओं को लेकर किसी अन्य तरीके का नॉरेटिव या पूर्वाग्रह रखती हैं ?
क्या भाजपा के हिंदुत्व को कमजोर करते-करते कांग्रेस और उसके नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अब देश के सामाजिक ताने बाने को तितर बितर करने की मंशा से आगे बढ़ रहे हैं देखा जाए तो कांग्रेस का बीते 30 सालों का इतिहास इन्हीं सब बातों पर रहा है लगातार कांग्रेस हिंदुओं को लेकर राजनीतिक बयानों के कारण चर्चा में रही है इसके उलट बीजेपी को हिंदुओं के एकत्रित होने से फायदा मिलता रहे 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा को थोड़ा झटका लगा तो राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सलाहकारों के मन में यह बैठ गया है अगर हिंदुओं के बारे में और कहा जाए तो संभव है यह उनकी राजनैतिक वापसी कर सकता है।
लेकिन क्या सत्ता के लिए इस देश के ताने-बाने को समाप्त करने का समय आ गया है । साथ ही प्रश्न ये भी है कि क्या जाति और धर्म की कट्टरता समाप्त करने के लिए कांग्रेस हिंदुओं के अलावा मुस्लिम और ईसाइयों के बारे में भी इतना ही कहना शुरू करेगी क्योंकि इस देश में इन दोनों ही धर्म की प्रैक्टिस में कट्टरता स्पष्ट दिखाई देती है । या फिर देश के बहुसंख्या के समुदाय की भावनाओं को आहत करने का कार्य कांग्रेस आगे भी जारी रखेगी