राजेश बैरागी । जनपद गौतमबुद्धनगर के तीनों प्राधिकरणों से प्रभावित किसानों के आबादी भूखंड समेत कई मुद्दों पर हाई पावर कमेटी की शासन को लगभग डेढ़ महीने पहले भेजी गई रिपोर्ट को कब सार्वजनिक किया जाएगा? इस मुद्दे पर पिछले चार दिनों से जिला मुख्यालय पर धरना दे रहे किसान नेता बगैर रिपोर्ट हासिल किए धरना न उठाने का संकल्प जता रहे हैं जबकि जिला प्रशासन इसे शासन में लंबित बताकर किसान नेताओं को समझाने का प्रयास कर रहा है।
लोकतंत्र की एक खासियत यह है कि अपने लिए बुरा भला बोलने वाले आंदोलनकारियों का भी शासन प्रशासन अन्य नागरिकों की भांति ध्यान रखता है। गौतमबुद्धनगर जिला मुख्यालय पर तीन दिन से धरना दे रहे किसानों का आज गुरूवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने धरनास्थल पर पहुंचकर हाल-चाल पूछा जबकि किसान नेता जिलाधिकारी और प्राधिकरणों की नीयत में खोट बताकर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का दबाव डाल रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कल शुक्रवार को किसान नेताओं के साथ तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में स्थिति साफ होने का आश्वासन भी दिया। उल्लेखनीय है कि किसानों के मुद्दों को हल करने को लेकर 21 फरवरी को बनी हाई पावर कमेटी ने बीते 31 अगस्त को अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। किसान नेता चाहते थे कि उन्हें यह रिपोर्ट दिखाई जाए परन्तु ऐसा नहीं किया गया। लगभग पचास दिन बीतने के बाद भी शासन से उस रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई होने की जानकारी किसी को नहीं है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि शासन के समक्ष अनेक मामले लंबित रहते हैं इसलिए इस रिपोर्ट पर दिशानिर्देश मिलने में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के सभी मुद्दों पर शासन और प्राधिकरणों का रुख सकारात्मक है।