आशु भटनागर I एक दशक से ज्यादा समय से विवादों रहने वाली गौतम बुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा के जलपुरा स्थित गौशाला क्या आने वाले समय में क्षेत्र की सबसे सुव्यवस्थित और पवित्र और प्रमुख पर्यटक स्थल में बदल जायेगी ? पिछले कुछ समय से गौशालाओं को लेकर अक्सर ऐसे दावों पर हम अक्सर असंभव ही समझते है । नोएडा में चल रही प्राधिकरण की गौशाला के बाद जब शनिवार को एनसीआर खबर की टीम ने इसका भ्रमण किया तो दृश्य सोशल मीडिया पर चले रहे कई वीडियो और नकारात्मक चर्चाओ के उलट सामने आया ।

ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गौशालाओं को लेकर आधुनिकीकरण के सपने को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि एन जी जिस तरह मूर्त रूप दे रहे है, उसकी चर्चा आवश्यक है । गौशाला के जीएम नियुक्त हुए आर के भारती ने एक-एक करके 16 एकड़ में बन रही इस गौशाला के सभी तथ्य सामने रखें । पूर्व में बनी हुई गौशाला के आधुनिकरण के लिए पुराने बने हुए बाड़े के प्लेटफार्म को हटाकर उन्हें निर्मित किया जा रहा है। उनमें साफ-सफाई के लिए प्रॉपर पाइपलाइन बिछाई जा रही है जिससे पुराने तरीके से एक लंबे पाइप से ही साफ करने के बोझिल कार्य की जगह ऑटोमेटेड सफाई की जा सके । इसके लिए 100 से अधिक प्रेशर पॉइंट बनाए जा रहे हैं । साथ ही नई 12 नए बाड़े भी तैयार किया जा रहे हैं । इनमें दुधारू गायों को अलग बीमार गायों को अलग और नदी के लिए अलग बाड़े बनाए जाने की व्यवस्था की जा रही है । सभी बाड़ों में पर्याप्त प्रकाश और गर्मियों में पंखों की व्यवस्था भी की जा रही है, साथ ही सर्दियों में धूप सेकने के लिए खुले मैदान की भी व्यवस्था बनाई जा रही है।

गौशाला क्षेत्र में ही एक आधुनिक चिकित्सालय एवं एक पॉलीक्लिनिक का निर्माण भी किया जा रहा है जिसमें नियमित तौर पर गायों का इलाज हो सकेगा इसके साथ ही पॉलीक्लिनिक में आसपास के ग्रामीण अपने गायों को दिखाने आ सकेंगे । नोएडा की गौशालाओं के उलट यहां तीन डॉक्टरों की व्यवस्था की गई है जो प्रतिदिन तीन शिफ्ट में काम कर रहे है । उनके अलावा जो पैरामेडिकल स्टाफ और 67 कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया गया है। गौशाला में वर्तमान में लगभग 2700 गायों को रखा जा रहा है । जिम लगभग 1800 गाय और 800 नदी है । बाकी बछिया और बछड़े है ।
गौशाला में एक गाय ने नए बछड़े को आज ही जन्म दिया था जिसके बाद गौसेवक उसकी सेवा कर रहे थे। एनसीआर खबर की टीम ने भी यहां मौजूद बछड़ों ओर बछियों को गुड खिलाया ।
जलपुरा की गौशाला में पहली बार एक नया प्रयोग प्राधिकरण की ओर से किया जा रहा है इस पूरे क्षेत्र में गौशाला के साथ-साथ एक रमणीय पार्क को भी विकसित किया जा रहा है जहां ग्रेटर नोएडा वेस्ट और उसके आसपास के लोग आकर गायों के साथ मिलकर मथुरा के वृंदावन जैसा अनुभव ले सकेंगे इससे जहां एक लोगों को गायों की सेवा करने का भी मौका मिलेगा वहीं वह यहां आकर शहरी परिवेश में ग्रामीण आनंद भी प्राप्त कर सकेंगे ।
आधुनिकीकरण के इस कार्य में प्राधिकरण लगभग 10 करोड रुपए खर्च करने जा रहा है । पहली बार गौशाला के रखरखाव से लेकर गायों के लिए आने वाले हरे चारे, चोकर और भूसे के डिस्ट्रिब्यूशन को भी डिजिटल किया जा रहा है । दावा है कि यह गौशाला अगले तीन माह में अपने आधुनिक स्वरूप में आ जाएगी इसके बाद यहां लोग आकर गौसेवा का आनंद ले सकेंगे ।
सब कुछ अच्छा है पर कुछ सुझाव भी जरूरी है
आधुनिकरण के कार्यों के बीच क्या सब कुछ अच्छा ही है या फिर कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनकी चर्चाएं करना आवश्यक है है । एनसीआर खबर की टीम ने महसूस किया की गौशाला के आधुनिकीकरण को लेकर जितनी तैयारी की जा रही हैं वो तो उत्साहित करने वाली हैं पर यहां आने के लिए 60 मी रोड के बाद जो ग्रामीण सड़क आरंभ होती है जिसके हालत बेहद खराब है ऐसे में प्राधिकरण लोगों के यहां आकर गौशाला में समय बिताने की जो योजना बना रहा है उसमे परेशानी हो सकती है । साथ ही गौशाला की बाउंड्री से लगी ऊंची बिल्डिंगों को भी बनते देखा गया। जिसके बारे में ये स्पष्ट नहीं है कि यह नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिकृत या अधिसूचित जमीन पर सही बने है या गलत बने है । ऐसे में गौशाला के आसपास कहीं कंक्रीट का जंगल ना खड़ा हो जाए इसको लेकर भी प्राधिकरण को कार्य करने की आवश्यकता है ।