दिसंबर 2024 में आंदोलन कर रहे किसान आंदोलन कार्यों और उनके नेताओं को 7 दिनों तक का पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा समय मांगने के बाद अचानक आंदोलन को जबरदस्ती खत्म करने और सबको जेल भेजना के प्रश्न पर जेल से बाहर आए किसान नेताओं ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर एवं डीएम से मुलाकात की। डेलिगेशन में कुंवरपाल प्रधान शिशांत भाटी निशांत रावल सचिन एडवोकेट गबरी मुखिया सुरेश यादव मौजूद रहे।
मुलाकात में अधिकारियों ने मुख्य सचिव स्तर पर शीघ्र अति शीघ्र वार्ता कराई जाने का आश्वासन दिया । पुलिस कमिश्नर ने किसानों पर दर्ज को वापस करने पर तुरंत विचार करने का आश्वासन दिया।
पुलिस कमिश्नर ने डीएम गौतम बुध नगर की उपस्थिति में कहा कि मुकदमे वापस करने पर मैं जरूर विचार करूंगी डीएम गौतम बुध नगर ने कहा कि मुख्य सचिव महोदय के साथ जल्दी ही वार्ता कराई जाएगी साथ ही एक वार्ता प्राधिकरण के तीनों मुख्य कार्यपालक अधिकारियों के साथ कराई जाएगी।
आज की बातचीत के बारे में किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने अवगत कराया कि हमने उपस्थित अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किसानों का हक है किसानों का दमन उत्पीड़न करने से समस्याएं हल होने वाली नहीं है हम अपनी समस्याओं को लेकर गंभीर एवं संकल्प बद्ध हैं कोई भी सरकार, डीएम अथवा कमिश्नर संविधान और कानून से ऊपर नहीं है। समस्याओं का हल किए बिना धरना प्रदर्शनों से निजात नहीं पाई जा सकती।
किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि हमें पुलिस प्रशासन ने ही दलित प्रेरणा स्थल पर जगह आवंटित की थी पुलिस प्रशासन ने 7 दिन में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता करने का आश्वासन दिया था परंतु पुलिस प्रशासन ने अपने वादे से मुकरते हुए बिना किसी वजह के किसानों को जबरन बदसलूकी करते हुए धरना स्थल से गिरफ्तार कर 307 जैसी संगीन धाराओं में आंदोलन को दमन करने एवं कुचलने के इरादे से जेल भेजा जो स्पष्ट रूप से पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का मामला है।
अंत में किसान एकता संघ के सोरन प्रधान ने अवगत कराया कि अधिकारियों से पूरी तरह साफ और स्पष्ट रूप से बातचीत की गई है बातचीत सकारात्मक रही है अधिकारियों ने प्रथम चरण में तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों एवं डीएम के साथ बातचीत करने एवं उसके तुरंत बाद शीघ्र अति शीघ्र मुख्य सचिव स्तर पर बातचीत कराए जाने का ठोस आश्वासन दिया है।
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने स्पष्ट रूप से बातचीत के नतीजे को बताते हुए कहा कि हम किसी दबाव में आने वाले नहीं है शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हमारा अधिकार बाबा साहब अंबेडकर की देन है कोई सरकार डीएम अथवा कमिश्नर बिल्कुल यह बात अपने दिमाग से निकाल दे कि किसानों के आंदोलन को दबाया जा सकता है हमारी सरकार और अधिकारियों से अपील है कि किसानों के 10% प्लाट एवं नए कानून को लागू करने की और तुरंत कार्रवाई करें अन्यथा जिले के किसान जल्दी ही आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
किसान परिषद के नेता उदल आर्य ने कहा कि जब कभी भी सत्ता के दुरुपयोग द्वारा आंदोलन को दबाने की कोशिश हुई है आंदोलन और बड़े रूप में उभर कर आया है। । डेलिगेशन ने दनकौर के एस एच ओ द्वारा महिलाओं के साथ मारपीट करने का मामला उठाया जिस पर कमिश्नर ने जांच करने का आश्वासन दिया है।