अपने स्थापना के लगभग 10 वर्ष बाद भी नोएडा मेट्रो अभी तक नोएडा में लोगों को मेट्रो की सुविधा प्रदान करने में असमर्थ रही है । कदाचित नोएडा मेट्रो में रूट के चयन से लेकर अन्य नीतिगत फैसलों तक निर्णय जनहित और व्यावहारिक होने की जगह भावनात्मक ज्यादा रहे है । इसीलिए जब इसके रूट का चयन किया गया तब कम फ़ुटफाल होने के आंकलन के बाबजूद इसे सबसे पहले सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तक बनाने की जल्दबाजी की गई । इसके उलट इसी रूट के दूसरे हिस्से यानी सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जन आकांक्षाओं के विरुद्ध जाकर वरीयता में सबसे पीछे रख दिया गया । परिणाम स्वरूप आज भी नोएडा मेट्रो नोएडा ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के लिए सफेद हाथी से अधिक कुछ नहीं है। बीते 8 वर्षों में इसके नए रूट पर डीपीआर और रूट चयन के बीच लोगों को बार-बार मेट्रो रूट बनाए जाने के सपने दिखाए जाते हैं किंतु धरातल पर स्थिति शून्य रहती है ।
नोएडा मेट्रो के अध्यक्ष और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम ने आने के बाद नोएडा मेट्रो को प्रॉफिट में लाने के लिए तमाम प्रयास किए । जिनमें नोएडा मेट्रो स्टेशन पर शॉप से लेकर विज्ञापन तक की नीति को लाया गया किंतु नोएडा मेट्रो के एकमात्र रूट पर फुटफाल कम होने के चलते विज्ञापन एजेंटीयों ने भी हाथ खड़े कर दिए और अपने कॉन्ट्रैक्ट को सरेंडर तक करने की ठान ली ।
उत्तर प्रदेश में आई नई शराब पॉलिसी के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रीमियम शराब की दुकानों को खोले जा रहा है और अब इसी प्रीमियम शॉप को मेट्रो परिसर में बनी दुकानों में न खोलने देने पर एनएमआरसी की नीति को लेकर अब चहुंओर चर्चा हो रही है ।
जानकारी के अनुसार नोएडा मेट्रो की नीतिगत पॉलिसी के अनुसार नोएडा मेट्रो स्टेशन के नीचे बनी दुकानों में शराब पिलाने के लिए बार खोले जा सकते हैं किंतु शराब की प्रीमियम दुकानों को खोले जाने पर मनाही है जबकि इसके उलट दिल्ली मेट्रो दोनों ही चीजों की अनुमति देता है । दिल्ली मेट्रो की इसी पॉलिसी के अंतर्गत बोटैनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के नीचे प्रीमियम शॉप बनाई गई जबकि इसी तर्ज पर नोएडा मेट्रो यानी एनएमआरसी ने सेक्टर 145 के स्टेशन परिसर में प्रीमियम शराब की दुकान को खोले जाने के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
उत्तर प्रदेश की नई शराब पॉलिसी के अनुसार शराब के लिए प्रीमियम शॉप्स का लाइसेंस दिया जा रहा है यह शॉप्स साधारण शॉप्स के मुकाबले लोगों को बेहतर अनुभव प्रदान करती है । इसी क्रम में एक आवेदक ने सेक्टर 145 मेट्रो स्टेशन परिसर में दुकान के लिए आवेदन किया था, जिसको NMRC की पॉलिसी ना होने के कारण निरस्त कर दिया गया । नोएडा में कुछ जगह शराब की दुकानों को लेकर विवादों पर नोएडा अथॉरिटी के साथ बातचीत की जा रही है
सुबोध कुमार, जिला आबकारी अधिकारी
ऐसे में एक बार फिर से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन यानी एनएमआरसी के नीति गत पॉलिसी और अधिकारियों के मेट्रो चलने के निर्णय को लोग एक ही प्रश्न उठ रहा है कि क्या यह संस्थान लालफीता शाही के जाल में फंसकर किसी दिन दम तोड़ देगा या फिर वाकई यह कभी नोएडा के निवासियों की लाइफ लाइन बनने का गौरव प्राप्त कर सकेगा