एक दशक से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मंत्री परिषद की बैठक में नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच एक्वा लाइन मेट्रो के विस्तार को अनुमति दे दी है । 17.435 किलोमीटर लंबी एक्वा लाइन मेट्रो परियोजना के विस्तार के संबंध में बताया गया है कि इसमें 394 करोड रुपए भारत सरकार और 394 करोड रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाएंगे राज्य सरकार की ओर से 40% धनराशि नोएडा और 60% धनराशि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत की जाएगी।
दावा है कि इस प्रस्ताव के पास होने के 6 महीने के अंदर इस लाइन पर काम शुरू हो जाएगा किंतु एक दशक से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो की लड़ाई लड़ रहे हैं कई निवासियों का यह मानना है कि उत्तर प्रदेश से पास होने के बावजूद यह परियोजना अभी केंद्र सरकार से पास होना बाकी है ।
उत्तर प्रदेश सरकार का ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए मेट्रो की स्वीकृति स्वागत योग्य कदम है।
दिनकर पांडेय, निवासी एवं सदस्य नेफोवा
लेकिन ये बहुत देर से उठाया गया कदम है।
2022 तक चार बार निविदा निकलने के बावजूद जिस तरह से पीएमओ से इसका प्रस्ताव निरस्त हो गया था, हम पूरी तरह आश्वस्त तबतक नहीं हो सकते जबतक प्रधानमंत्री कार्यालय इसे स्वीकृत न कर दे।
लोक सभा चुनाव से पहले भी अगले 6 महीने में मेट्रो बन जाने की बात हुई थी। निविदा निकल कर फिर काम अवार्ड होने में ही काफी समय निकलेगा। 2027 से पहले अगर शिलान्यास भी होंगे तो काफी है।
ऐसे में नोएडा के सांसद और तीनों विधायक भले ही इस परियोजना के पास होने के लिए अपने श्रेय लेने के प्रयासों में लग गए हो किंतु जब तक यह परियोजना केंद्र से पास नहीं हो जाती तब तक इसके बनने और शुरू होने पर संदेह बना रहेगा । पिछली बार भी उत्तर प्रदेश सरकार से पास होने के बाद इसको केंद्रीय मंत्रालय से हरी झंडी नहीं मिली थी और वापस रूट परिवर्तन के लिए भेज दिया गया था ।
ऐसे में अब उत्तर प्रदेश सरकार से प्रस्ताव पास होने के बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों की अगली आशा केंद्र में बैठी मोदी सरकार से लोगों ने उम्मीद जताई है कि पिछली बार की तरह पीएमओ इसको लेकर 3 साल नहीं लगाएगा ।