शनिवार का दिन ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए चहल पहल का दिन रहा । वैसे तो हर शनिवार और रविवार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हाई राइज सोसाइटी में रहने वाले लोगों के लिए ऐसे ही होता है । इन दो दिन में सोसाइटी में राजनीति कर रहे या करने के इच्छुक लोग कुछ धरना प्रदर्शन करते हैं या पुलिस से संवाद करते हैं,राजनेताओं को बोलकर सोसाइटी में अपना दब दबा दिखाते हैं । बात कड़वी है मगर सच भी है ।
हर सप्ताह शनिवार, रविवार को होने वाले इन गतिविधियों से आम नागरिक को कितना फायदा होता है यह आज तक में समझ नहीं सका हूं। हर शनिवार की रात 50 से ज्यादा प्रेस विज्ञप्ति इस बात के लिए होती है कि इस सोसाइटी में नेताजी आए या फिर उसे सोसाइटी में नेताजी आए और इसके साथ ही होते, सोसाइटी के नेताओं की बड़े नेताओं के साथ सम्मान करते हुए कुछ चित्र । पर क्या इन कार्यक्रमों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के हाईराइज समिति की असली समस्याओं पर कभी कोई समाधान हो पता है या इनके जरिए आम आदमी के शोषण का रास्ता भी खुल जाता है, यह प्रश्न हमेशा दबा रह जाता है।
पहले घटनाक्रम जिले के तथाकथित लोकप्रिय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा का उनके फैंस क्लब द्वारा विराट जन्मदिवस कार्यक्रम और दूसरा फोनरवा में हाशिए पर आए एक नेता का डीडीआरडब्लूए बनाकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जन संवाद कार्यक्रम । दोनों ही कार्यक्रम की पृष्ठभूमि सुनने से ही दिल को प्रसन्नता देती है, ऐसा लगता है कि जनता को कुछ फायदा होगा ।
पहले घटनाक्रम में जिले के सांसद के जन्मदिवस कार्यक्रम को लेते हैं। अपने नेता के जन्मदिन को व्यापक रूप में बनाना कभी भी गलत नहीं कहा जा सकता है लोग अपने नेताओं के मंदिर बनवा देते हैं यहां सिर्फ जन्म दिवस की बातें हो रही है । किंतु बीते 10 वर्षो में जो कभी ना हुआ हो, और चुनाव से 6 महीने पहले अगर ऐसा जन्मदिन मनाया जाए, तब इस जन्मदिवस की प्रासंगिकता और महत्ता दोनों पर प्रश्न उठते हैं । इस जन्म दिवस आयोजन में मेरी जानकारी के अनुसार हजारों लोगों में अपने प्रिय नेता के साथ फोटो खींचने का सौभाग्य प्राप्त किया।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो में कई बार तो ऐसा लगा कि लोग उनको पहनाई जा रही माला में घुसने के लिए तमाम लोग प्रयत्न करते नजर आए, वह बात अलग है कुछ सफल हो पाए कुछ नहीं हो पाए । इसके बाद एक बड़ी लिस्ट ऐसे नेताओं की है जो वहां मौजूद थे किंतु तमाम लोगों की मौजूदगी के बाद बीच कुछ नाम हमेशा की तरह नदारद दिखे । तो कुछ महत्वपूर्ण नवनियुक्त पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गुटबाजी से दूर रहने की सलाह के चलते बस मुंह दिखाई भर के लिए आए ।
खैर खैर अंत भला तो सब भला की कहावत पर हम सिर्फ इतना ही कह सकते हैं की कार्यक्रम की सफलता का प्रसाद जो जितना लेना चाहता था उसने ले लिया है
अब दूसरे कार्यक्रम पर आते हैं दूसरा कार्यक्रम डीडीआरडब्लूए नाम की एक संस्थान ने गौर सौंदर्यम सोसाइटी AOA के सहयोग(?) से किया। जिसमें डीसीपी सेंट्रल सुनीति सिंह, एसीपी द्वितीय आर सी पांडे, अनिल कुमार राजपूत और ट्रैफिक इंचार्ज मोकम सिंह उपस्थित रहे ।
पुलिस अधिकारियों के साथ किए जा रहे इस जनसंवाद में आम लोगों को क्या फायदा हुआ उसकी जानकारी मुझे नहीं है किंतु इस कार्यक्रम की प्रेस रिलीज जो सामने आई उसे मेरे मन में कुछ प्रश्न उठे की कहीं यह फोनरवा से हाशिए पर आए एक नेता की महत्वाकांक्षा को चुनाव तक पहुंचाने का साधन तो नहीं । क्योंकि पूरे कार्यक्रम की विज्ञप्ति में सोसाइटी AOA नेताओ के नामों की लिस्ट के बाद पुलिस ने मौजूद आम जनों की सुरक्षा, छोटे छोटे विवादो में 107/16 जैसी धाराओं में मुकदमे और सुविधाओं को लेकर क्या बातें कहीं इसका कहीं जिक्र नहीं है, किंतु जिक्र है तो फुट ओवरब्रिज और लोकल अवैध मार्केट के साथ आवारा कुत्तों और बंदरों की समस्या के समाधान का जिन पर पुलिस की जगह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कार्य करना होता है।
ऐसे में इन दोनों घटनाओं के एक साथ होने से प्रश्न यह है कि क्या डॉक्टर महेश शर्मा के समर्थक जहां उनके जन्मदिवस के बहाने समाज और भारतीय जनता पार्टी को यह संदेश देने में कामयाब हो रहे हैं कि उनके नेता का प्रभाव महानायक वाला है तो दूसरी ओर क्या सोसाइटी में जन संवाद कार्यक्रम के बहाने एक अलग ग्रुप अपनी राजनीतिक पैठ को मजबूत कर रहा है और इन दोनो से ही आम जनता को क्या फायदा हो रहा है ऐसे अनगिनत अनावश्यक प्रश्नों को में आप पर छोड़ता हूं ।