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किसान आंदोलन का जिन्न एक बार फिर निकलेगा सुलह समझौते की बोतल से बाहर, पुराने साथी रहे रूपेश वर्मा और मनवीर भाटी अब हुए आमने-सामने

राजेश बैरागी I एसआईटी की जांच में फंसे 533 लीज बैक मामलों में से लगभग आधे खारिज किए जाने से किसान आंदोलन का जिन्न एक बार फिर सुलह समझौते की बोतल से बाहर निकल आया है। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह द्वारा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को लिखे एक पत्र में केवल 296 प्रकरणों में ही किसानों की लीज बैक प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है।इसी 4 अक्टूबर को लिखे गए इस पत्र में शेष 237 प्रकरणों में गलत तरीके से पात्रता तय करने वाले प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की जानकारी शासन को उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया गया है जिससे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आज अजब-गजब नजारा था। ओटीटी पर प्रदर्शित और बिहार के चारा घोटाले पर आधारित वेबसिरीज ‘महारानी’ के दो किरदारों भीमा और नवीन कुमार सरीखे पुराने साथी मनवीर भाटी और रूपेश वर्मा अलग अलग अपने समर्थकों संग मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मिलने पहुंचे थे। पहले रूपेश वर्मा ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी से मुलाकात की। फिर मनवीर भाटी और उनके साथ आए समर्थकों ने मुलाकात की।

123 दिनों तक प्राधिकरण पर धरना आयोजित करने वाले रूपेश वर्मा ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी को 533 लीज बैक प्रकरणों पर शासन से आए पत्र के लिए धन्यवाद दिया। मनवीर भाटी ने इस पत्र को किसानों के साथ धोखा करने और अपनी आशंका सच होने का दावा किया। रूपेश वर्मा ने बाद में एक और बयान जारी कर मनवीर भाटी का नाम लिए बगैर उनके आरोपों को खारिज कर दिया। दिलचस्प है कि इस संबंध में प्राधिकरण की ओर से आज कोई बयान जारी नहीं किया गया। किसान आंदोलनों में पुराने साथी रहे रूपेश वर्मा और मनवीर भाटी अब इस प्रकरण को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। रूपेश वर्मा जहां प्राधिकरण के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं वहीं मनवीर भाटी एक प्रेस वार्ता कर प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन की घोषणा कर सकते हैं।

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