नोएडा, ग्रेटर नोएडा और एनसीआर के लाखों लोगों के लिए मंगलवार को खुशी की खबर आई है। यूपी सरकार ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की रिपोर्ट पर सहमति की मुहर लगा दी है। इसके तहत रियल एस्टेट के रेजीडेंशियल प्रोजेक्ट्स के डेवलपर को दो साल का जीरो पीरियड दिया गया है। इस जीरो पीरियड का ब्याज डेवलपर को नहीं देना होगा। ऐसे में बकाया जमा न करने वाले डेवलपर्स के प्रोजेक्ट में रहने वाले लाखों लोगों के फ्लैटों की रजिस्ट्री हो सकेगी। सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ घर खरीददारों को राहत मिली है बल्कि रियल एस्टेट सेक्टर को भी एक पॉजिटिव संदेश दिया गया है। जानकारों की मानें तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी सीधा लाभ होगा।
कोविड महामारी के दौरान लगभग दो साल तक ज्यादातर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स का काम रुका रहा। इसके चलते डेवलपर्स पर अथॉरिटी का काफी बकाया हो गया। डेवलपर्स की मांग थी कि कोरोना महामारी के समय का उन्हें जीरो पीरियड दिया जाए और इस दौरान का ब्याज उनसे न लिया जाए। अथॉरिटी डेवलपर्स की मांग नहीं मान रही थी, ऐसे में लोगों को प्रोजेक्ट्स में पजेशन तो मिल गया लेकिन उनके फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। पिछले दिनों अमिताभ कांत ने मामले पर पूरी रिपोर्ट तैयार की और सरकार की संस्तुति के लिए भेजी थी। इसपर मंगलवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी।