रविवार तक देश की राजनीति का तापमान बदल जाएगा और इसकी इसका आरंभ बिहार की राजनीति से होना शुरू हो गया हैI शुक्रवार से शुरू हुई उठा पठक के बाद अभी स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए गठबंधन में वापसी करेंगे और बिहार में भाजपा के साथ मिलकर फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे ।
समाजवादी राजनीति में मुलायम सिंह यादव को धोबी पछाड़ का महारथी माना जाता था किंतु इस बार नीतीश कुमार के जबरदस्त धोबी पछाड़ से जहां बिहार में लाल यादव की राजनीति को बड़ा झटका लगा है वही देश भर में इंडिया(I*N*D*I*A) गठबंधन के अस्तित्व पर भी प्रश्न खड़ा हो गया हैI
स्मरण रहे कि नीतीश कुमार ही इंडिया गठबंधन की नींव रखने वाले व्यक्ति थे। उन्हीं के बाद लालू यादव के कहने पर अखिलेश यादव इस गठबंधन में शामिल हुए थे किंतु अब बदले हालात में नीतीश कुमार का एनडीए में जाना इंडिया गठबंधन को बीच चौराहे माझेदार में छोड़कर जाने जैसा है बिहार में राजद ने अपने विधायक दल की बैठक शनिवार को बुलाई है यहां बदली स्थिति में बिहार की राजनीति पर विमर्श हो सकता है वहीं अखिलेश यादव अभी दूर से ही उत्तर प्रदेश में बिहार में लगी आग की तपिश महसूस कर रहे हैंI अखिलेश यादव लगातार इस बात के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं कि जल्द ही उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी को अकेले ही लड़ना पड़ेगा यद्यपि समाजवादी पार्टी अभी भी यह संकेत दे रही है कि वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ना चाहेगी किंतु बदली स्थिति में कांग्रेस अब क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन के लिए सहज हो पाएगी या फिर पूरे देश में कांग्रेस अपने बलबूते चुनाव लड़ने जाएगी इसकी चर्चाएं भी शुरू हो गई है।
राजनीतिक विश्लेषक अतुल श्रीवास्तव कहते हैं कि जहां पहले 6 महीने पहले “मोदी बनाम सब” का चुनाव देखा जा रहा था, अब ऐसा लग रहा है की 2024 का लोकसभा चुनाव *मोदी बनाम कोई नहीं” का हो जाएगा क्योंकि राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के बाद भाजपा का अगला निशाना उद्धव ठाकरे को एनडीए में वापस लाना रहेगा। 2 दिन पहले ही बाल ठाकरे के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनको याद करने से इसके संकेत माने जा रहे हैं ।
लोगों का कहना है कि जब बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार को साथ सकती है तो उद्धव ठाकरे को मनाना कोई बड़ी बात नहीं है इसके साथ उत्तर से लेकर पश्चिम तक फिलहाल भाजपा के लिए बड़ी जीत की रहा आसान हो सकती है।
भाजपा के सूत्रों के अनुसार 2024 में भाजपा 414 से ज्यादा और 440 तक पहुंचाने का खेल रच रही है जिसमें यह माना जा रहा है कि विपक्ष को सामने लड़ने के लिए ही समाप्त कर दो । इसके लिए सारे तरीके अपनाए जा सकते हैं इसमें सबसे सहज तरीका नीतीश कुमार को ही खेल से उठा लेने का था जिसको फिलहाल अंजाम दे दिया गया है।