अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर को लेकर इन दोनों सियासी घमासान भी शुरू हो चुका है बुधवार को कांग्रेस ने पत्र जारी करते हुए श्री राम मंदिर में कांग्रेस नेताओं के न जाने को की घोषणा कर दी जिसके बाद सोशल मीडिया पर तूफान आ गया।
भारतीयों को काल्पनिक कहानी सुनाकर धर्मनिरपेक्षता बताने वाले स्टोरीटेलर दरार फारूकी ने इसे 2024 में सेक्युलर बनाम धर्मांधता का युद्ध बताया और काग्रेस को बधाई दी
तू कमर वहीद नकवी जैसे वरिष्ठ संपादक ने इसे कांग्रेस का साहसिक फैसला बताते हुए लिखा कांग्रेस का यह बेहद साहसिक फ़ैसला है। संघी साम्प्रदायिकता के ख़िलाफ़ लड़ सकने वाली ताक़तों में कांग्रेस सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और उसे अपनी पूरी ताक़त से इस लड़ाई का सीधे-सीधे नेतृत्व करना ही होगा, इसकी परवाह किये बिना कि चुनावों में क्या होगा?
इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने दोनों को एक ही लाइन में धोते हुए लिखा कि नकवी जी और दाराब फारुकी बता रहे हैं कि, कांग्रेस ने साहसिक फैसला लिया है और 2024 का चुनाव सेक्युलरिज्म बनाम कम्युनलिज्म होगा। सोचिए, राम मंदिर का बनना लंबे समय तक देश के बड़े संस्थानों में संपादक रहे कमर वहीद नकवी को संघी सांप्रदायिकता लग रही है और नकवी जी प्रसन्न हैं कि, कांग्रेस संघी सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रही है। अच्छा है कि, सब साफ हो रहा है। जय राम जी की
ऐसे में अब प्रश्न खड़ा हो गया है कि इस देश में छद्म धर्मनिरपेक्षता और थोपी गई सांप्रदायिकता पर देश के प्रबुद्ध लोगों के बीच एक बार पुनः चर्चा होनी चाहिए आप लोगों के क्या विचार हैं हमे एक्स (ट्विटर) पर कमेंट बॉक्स में जरूर दें।