नोएडा महानगर में हो रहे फोनरवा चुनाव ( FONRWA Election) में भाजपा और समाजवादी पार्टी की राजनीति का असर इस बार दोनों पैनल के समर्थन और विरोध में दिखने लगा है। शुक्रवार को हुए घोषणा पत्र कार्यक्रम में भाजपा सांसद और जिला अध्यक्ष का प्रत्यक्ष समर्थन राजीव गर्ग पैनल के साथ दिखाई देने लगा है । शुक्रवार को हुए घोषणा पत्र कार्यक्रमों में भाजपा सांसद के करीबी लोग राजीव गर्ग पैनल के कार्यक्रम में बैठे दिखाई दिए।
यही नहीं नोएडा भाजपा में भी इसके परिणाम भी नजर आने लगे हैं । शुक्रवार को ही भाजपा ने मंडल अध्यक्षों की घोषणा की जिसमें सरस्वती शिशु मंदिर मंडल के अध्यक्ष अशोक मिश्रा को हटाकर उनकी जगह सत्यनारायण महावर को बना दिया गया । अशोक मिश्रा योगेंद्र शर्मा पैनल से वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे हैं।
इस घटनाक्रम के बाद यह माना जा रहा है की योगेंद्र शर्मा पैनल के साथ अब तक भाजपा सांसद डा महेश शर्मा और जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता का रहा वरदहस्त हट चुका है । भाजपा महानगर के सूत्रों ने यह भी बताया कि जल्द ही योगेंद्र शर्मा पैनल के साथ नजर आ रहे तमाम ऐसे लोगों की भाजपा संगठन से छुट्टी हो सकती है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर योगेंद्र शर्मा पैनल के साथ दिखाई देंगे।
दरअसल योगेंद्र शर्मा को लेकर विवाद अब खुलकर सामने इसलिए आ गया है क्योंकि योगेंद्र शर्मा समाजवादी पार्टी के टिकट पर नोएडा के वर्तमान नोएडा विधायक पंकज सिंह को लखनऊ तक छोड़ने आने की बातें कर चुके हैं । भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत त्यागी वत्स पहले ही योगेंद्र शर्मा पर फोनरवा अध्यक्ष रहते हुए सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी की टिकट लेने के प्रयास में पद के दुरुपयोग और प्रचार के आरोप लगा चुके हैं । फोनरवा से जुड़े कई लोगों ने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में योगेंद्र शर्मा ने समाजवादी पार्टी के लिए कई आरडब्ल्यूए में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पार्टी की प्रचार मीटिंग्स कारण जिसको लेकर भाजपा में तमाम विरोध हुआ।
ऐसे में अब इस चुनाव के भाजपा और समाजवादी पार्टी के पक्ष में बट जाने से परिणाम पर कितना असर पड़ेगा यह 7 तारीख को मतदान के बाद तय हो जाएगा।