भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वैश्य नेता गोपाल कृष्ण अग्रवाल इन दोनों गौतम बुध नगर से टिकट मांगने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं । जिले भर में पोस्टर और वॉल पेंटिंग के जरिए लगातार वह यह जताने का प्रयास कर रहे हैं कि उनका टिकट इस बार गौतम बुद्ध नगर सीट से कंफर्म हो ही गया है हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है इसको कोई नहीं जानता है या फिर यूं कहे कि जानता क्या है, मानता भी नहीं है ।राजनीतिक हलकों में भाजपा के दिल्ली दरबार में पहुंच रखने वाले तमाम लोगों के अनुसार गोपाल कृष्ण अग्रवाल अभी भी टॉप फाइव में अपनी जगह नहीं बना पाए हैं।
किंतु ऐसा लगता है अब गौतम बुध नगर में गोपाल कृष्ण अग्रवाल की राजनीति को विराम देने के लिए कैलाश पर्वत से नया खेल शुरू कर दिया गया है सूत्रों की माने तो इन दिनों भाजपा में इस तरीके की चर्चाएं की जा रही हैं कि भाजपा नोएडा महानगर जिला अध्यक्ष मनोज गुप्ता मेरठ से टिकट मांग रहे हैं इसका कारण वहां के वर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल की अस्वस्थता को बताया जा रहा है ।
वैश्य समुदाय से आने वाले गोपाल अग्रवाल और मनोज गुप्ता बीते दिनों कई बार एक साथ भाजपा के मंच पर दिखाई दिए इसके बाद कैलाश पर्वत के रक्षकों ने दोनों को अलग-अलग तरीके से उनके पर कतर कर बताया है। जानकारी के अनुसार फोनरवा के चुनाव में मनोज गुप्ता जब योगेंद्र शर्मा के खिलाफ खड़े प्रत्याशी के साथ प्रत्यक्ष समर्थन में आए तो भाजपा जिला अध्यक्ष के खड़े होने के बावजूद समाजवादी नेता योगेंद्र शर्मा के जिताने के खेल को कैलाश पर्वत के आशीर्वाद से ही मनोज गुप्ता के पर करने के तौर पर देखा गया है, साथ ही ये भी बताया गया कि जिले में ब्राह्मण राजनीति को वैश्य राजनीति से चुनौती नही दी जा सकती है और अब मनोज गुप्ता के मेरठ से चुनाव लड़ने की अफवाहो के नाम पर गोपाल कृष्ण अग्रवाल को सबक सिखाने की तैयारी की जा रही है
ऐसे में मनोज गुप्ता मेरठ से चुनाव लड़ेंगे या नहीं किंतु उनकी चर्चा करके गौतम बुद्ध नगर मेरठ गाजियाबाद की सीटों के जातीय समीकरण में अफवाहों को बल देकर यह जताने की कोशिश की जा रही है कि अगर मनोज गुप्ता मेरठ से वैश्य समाज के नाम पर भाजपा से टिकट ले लेंगे तो फिर गौतम बुद्ध नगर से दूसरे वैश्य प्रत्याशी का कोई मौका नहीं रहेगा और यही वह गणित है जिसके चलते गौतम बुद्ध नगर में इन दिनों मनोज गुप्ता के चुनाव लड़ने की चर्चाओं को बल दिया जा रहा है ।
जानकार मानते हैं कि भाजपा में किसी भी जिला अध्यक्ष को अगर चुनाव लड़ना होता है तो उसके लिए पहले उसे अपने पद से इस्तीफा देना होता है तभी वह अपनी दावेदारी कर सकता है किंतु मनोज गुप्ता अभी हाल में नोएडा महानगर के अध्यक्ष दोबारा बनाए गए हैं और उन्होंने यहां से इस्तीफा देने के कोई संकेत नहीं दिए हैं
ऐसे में मनोज गुप्ता के मेरठ से चुनाव लड़ने की अफवाहों में कितनी सच्चाई है इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। किंतु कैलाश पर्वत समर्थित प्रचार तंत्र में लगातार ऐसी अफवाहों को बल दिया जा रहा है ।
वहीं भाजपा के एक जानकार ने बताया कि सच तो यह है कि मुरारी को सबक सिखाना चाह रहे त्रिपुरारी के खुद का टिकट भी 500% खतरे में है क्योंकि जिला अध्यक्ष के साथ-साथ भाजपा में एक परंपरा ये भी है कि कोई भी लोकसभा प्रभारी को चुनाव नहीं लडाया जाता है और त्रिपुरारी को त्रिपुरा का लोकसभा प्रभारी बनाया गया है । ऐसे में उनका भी अब खेल इस जिले से समाप्त होने को है । ऐसे में त्रिपुरारी और मुरारी के बीच बने संघर्ष में क्या किसी कमला या विमला की महिमा के गीत इस जिले में गाए जाने लगेंगे यह आने वाले दिनों में पता लगेगा