राजेश बैरागी। वैभव लापता कांड(मैं अभी तक उसकी हत्या को लेकर आश्वस्त नहीं हूं) से चर्चा में आए जनपद गौतमबुद्धनगर के कस्बा बिलासपुर का इतिहास और वर्तमान क्या है? लगभग चालीस हजार लोगों की आबादी वाले इस कस्बे के इतिहास में अपराधियों और भूमाफियाओं की खासी तादाद रही है। यहां की नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर लंबे समय तक काबिज रहे शख्स पर दर्जनों अपराधिक मुकदमे दर्ज थे।
गौतमबुद्धनगर जिला बनने के पहले से ही यहां भूमाफियाओं के कई गिरोह सक्रिय थे। इनमें विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर निर्वाचित सफेदपोश लोग शामिल थे और उन्हें हमेशा राज्य सरकारों के तत्कालीन मंत्रियों का वरदहस्त प्राप्त रहा है। वर्तमान में भी इस छोटे से कस्बे में आधा दर्जन हिस्ट्रीशीटर सहित दो दर्जन से अधिक सक्रिय अपराधी हैं।
एक उच्च पुलिस अधिकारी के मुताबिक इस कस्बे में रहने वाले कुछ युवा हनी ट्रैप गिरोह भी संचालित करते हैं। यह कुछ कुछ वैसा ही है जैसा मेवात क्षेत्र के बारे में बताया जाता है। यहां के कुछ युवकों के महंगें शौक और आय का कोई प्रत्यक्ष जरिया न होने से इस अति पिछड़े कस्बे की हकीकत आसानी से समझ में नहीं आती है।
यहां स्थापित पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों और कुछ स्थानीय लोगों के संबंध भी संदेह के दायरे में बताए जाते हैं। व्यापारी पुत्र वैभव सिंघल के बारे में 12 दिन बाद भी कुछ पता नहीं चला है। उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए युवकों से पुलिस वैभव के विषय में महत्वपूर्ण राज उगलवाने में विफल रही है। वैभव को कस्बे के निकट से बहने वाली गंगनहर में पचासों किलोमीटर तक तलाशा जा रहा है क्योंकि गिरफ्तार युवकों ने उसे गला घोंटकर मारने के बाद इसी नहर में फेंक देने की बात बताई थी। हालांकि वैभव के परिजनों का आरोप है कि इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हैं और यह मामला केवल किसी प्रेम प्रसंग से जुड़े वीडियो तक ही सीमित नहीं है। ली