जेवर विधानसभा के बिलासपुर कस्बे में दो मुस्लिम लड़कों द्वारा व्यापारी अरुज सिंघल के पुत्र वैभव सिंगल की हत्या के 12 दिन बाद शव मिलने के बाद कल उनका दाह संस्कार दिया रात किया गया । शव मिलने की जानकारी होने पर गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे और मृतक वैभव को श्रद्धांजलि दी तथा शोकसंतप्त परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाया। वह मौजूद लोगों ने डॉक्टर महेश शर्मा से इस प्रकरण में फास्ट् ट्रैक कार्यवाही की मांग की जिस पर संसद ने जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई कर दोषियों को सजा देने का भरोसा दिया ।
स्मरण रहे कि 12 दिन पूर्व जेवर विधानसभा के बिलासपुर में वैभव सिंघल के लापता होने के समाचार के बाद पुलिस कई दिन तक टालमटोल करती रही । बाद में परिवार के साथ संपूर्ण समाज द्वारा बाजार बंद कर सड़क जाम कर देने और आंदोलन के बाद मीडिया में प्रकरण पर लगातार रिपोर्टिंग होने के बाद पुलिस ने दबाव में रविवार दोपहर को शव एक नहर से बरामद किया। इसके बाद परिवार ने आंदोलन समाप्त कर शव की अंत्येष्टि की।
इस प्रकरण को लेकर स्थानीय विधायक द्वारा लोगो की मांग की उपेक्षा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी और लखनऊ उत्तर के विधायक डॉ नीरज बोरा के मुख्यमंत्री से शिकायत तक की चर्चाएं भी हो रही है । डॉ बोरा ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में स्पष्ट लिखा है कि राम मंदिर प्रतिष्ठा के कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर करने के कारण समुदाय विशेष के दो लड़कों ने वैभव सिंगल की हत्या की । यद्धपि पुलिस इस पूरे प्रकरण को लड़की के प्रकरण से जोड़कर बता रही है किंतु स्थानीय चर्चाओं में इन बातों को कोई नहीं मान रहा है।
वैश्य संघ के नेता जितेंद्र अग्रवाल ने जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह द्वारा इस मुद्दे पर अनुपस्थित रहने पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि आखिर क्या कारण है कि वह चुप रहे और उनकी जगह नंद गोपाल नंदी और डॉ नीरज बोरा को इस प्रकरण को लखनऊ मुख्यमंत्री तक पहुंचना पड़ा। उन्होंने विधायक से प्रश्न किया कि आखिर वह चुप रहकर क्यों आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं ।
जितेंद्र अग्रवाल ने एनसीआर खबर को बताया कि वैश्य समुदाय ने आज वैभव सिंघल को न्याय दिलाने के लिए जस्टिस फॉर वैभव सिंघल #justiceforvaibhavsinghal को ट्रेंड करने का निर्णय किया है ।
शव मिलने के बाद उठे कई नए प्रश्न
एनसीआर खबर समेत जिले के कई मीडिया में इस प्रकरण को लेकर हो रही रिपोर्टिंग के बाद रविवार को शव मिलने के बाद भी पुलिस की थ्योरी और कार्यशैली पर कई प्रश्न उठाने शुरू हो गए हैं।
वरिष्ठ पत्रकार राजेश बैरागी ने भी वैभव के क्रूर अंत पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्या वैभव का शव 12 दिन से नहर में था या फिर शव को लगातार हो रहे जन आंदोलन की मीडिया में रिपोर्टिंग और मुख्यमंत्री तक पहुंचने के दबाव के बाद वहां पर फेंक दिया गया जिसको पुलिस ने कल बरामद किया है ।
वही कस्बे के एक स्थानीय विधायक पत्रकार ने प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि वैभव का फोन अभी तक कहां है और बार-बार पुलिस जो लड़की के फोटो होने की कहानी सुना रही है वह उसके फोन में है या नहीं इसका बताया जाना जरूरी है और परिवार को फोन सौपना जरूरी है।