गौतम बुध नगर में किसान नेतागिरी के नाम पर क्या अवैध निर्माण और भू माफिया जमा होते जा रहे हैं । कमोबेश हर दूसरे दिन एक नए किसान नेताओं का जन्म और किसान नेताओं द्वारा आंदोलन करने के घोषणाओं से परेशान आमजन के मन में अब यही प्रश्न उठता है ।
शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख क्षेत्र में प्राधिकरण के अधिकारी आबादी की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण को तोड़ने पहुंचे तो अवैध निर्माण कर रहे मनोज नागर की और से भारतीय किसान सभा के नेता डा रुपेश वर्मा के नेतृत्व में तमाम किसान प्राधिकरण के अधिकारियों का विरोध करने पहुंच गए और किसान सभा के नेताओं के अनुसार उन्होंने अवैध निर्माण रोकने आए प्राधिकरण के कर्मचारियों को भगा दिया। वही भगाए गए कर्मचारियों ने प्राधिकरण में वापस जाकर अतिक्रमण तोड़े जाने की रिपोर्ट लगाकर अपनी पीठ थप थपा ली । अपने-अपने जीत के दावे कर रहे दोनों पक्षों के बीच आमजन खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार सेक्टर वन समेत पूरे ग्रेनो वेस्ट के शहरी क्षेत्र से लगे आबादी की जमीन पर तमाम तथाकथित किसानों ने अवैध बहुमंजिला व्यापारिक प्रतिष्ठान खड़े कर दिए हैं । इन प्रतिष्ठानों के कारण इससे लगी शहरी सड़कों पर लगातार जाम और अपराध दोनों में बढ़ोतरी हुई है ।
दुखद तथ्य यह भी है की इन अवैध बहु मंजिला व्यापारिक निर्माण के चलते शहरी क्षेत्र में बने मॉल (Shopping Mall) और सोसाइटी (sosaity) की दुकानों में बने बाजार खाली रह जाते हैं ।
सबसे बड़ी बात यह है कि इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खुले मार्केट दुकानों के कोई एग्रीमेंट तक नहीं होते हैं जिससे सरकार को राजस्व का भी नुकसान होता है लोगों का कहना है कि जब-जब इन प्रतिष्ठानों पर प्राधिकरण की नजर टेढ़ी होती है तब तब किसान सभा की आड़ में ऐसे माफिया प्राधिकरण को ब्लैकमेल करने के लिए नगर में आंदोलन करने लगते है और यहां पर यह कारोबार बदस्तूर चलता रहता है ।
इस घटना पर लोगो ने प्रश्न उठाए कि क्या किसानों को न्याय दिलाने की आड़ में भारतीय किसान सभा अब प्राधिकरण से लेकर पुलिस तक के कामों के बीच हस्तक्षेप करने लगी है प्राधिकरण अगर किसानों की आड़ में भूमाफियाओं द्वारा व्यापारिक निर्माण कर अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा हो तो उसको रोकने के लिए प्राधिकरण और पुलिस के सामने क्या ऐसे किसान संगठन अब अराजकता का सहारा ले रहे हैं ।
प्राधिकरण से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि कदाचित प्राधिकरण में भी आबादी की जमीन को लेकर बना रहे व्यापारिक बहु मंजिला प्रतिष्ठानों को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी है । ऐसे में अस्थाई घरेलु निर्माण के लिए छोड़ी गई आबादी की जमीन पर जिले के तथाकथित किसान नेता तमाम अतिक्रमण को जन्म दे रहे हैं और यहां पर अवैध निर्माण कर रहे हैं
लोगो का कहना है कि पुलिस, प्रशासन और प्राधिकरण को इस बात के लिए भी तैयार होना पड़ेगा कि कहीं ऐसा ना हो की मासूम किसानों के नाम पर हो रहे इन किसान आंदोलन की आड़ में भू माफिया और अपराधी अपनी मनमानी करने लगे । ग्रेटर नोएडा में आज स्थिति यह है कि यहां के तमाम गांव में अवैध कालोनियां कट रही है बीते दिनों समाजवादी नेता मदन भैया ने भी समतल फैक्ट्री की जमीन पर काटी जा रही अवैध कॉलोनी को लेकर प्रदर्शन किया उससे पहले दादरी विधायक तेजपाल नागर भी कई जगह काटी जा रही अवैध कॉलोनी के विरोध में खड़े हो चुके हैं ।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बातें करने वाली योगी सरकार अगर जल्द ही किसान नेतागिरी की आड़ में अतिक्रमण और अराजकता की इस बढ़ती आदत को रोकने में कामयाब नहीं हुई तो गौतम बुध नगर उत्तर प्रदेश का शो विंडो बनने की जगह मुंबई का धारावी जैसा स्लम बनते देर नहीं लगेगी।