इंद्रेश शर्मा,गाजियाबाद । जिला गाजियाबाद के नंदग्राम के एक हॉस्पिटल में बुधवार को आईएससीसीएम गाजियाबाद द्वारा “आईएससीसीएम सेप्सिस मॉड्यूल” और “प्रिवेंट -ट्रीट- डिफीट सेप्सिस ” के तत्वाधान में आम जनता और प्रेस के लिए सेप्सिस पर एक जन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में सेप्सिस क्या है?, सेप्सिस के प्रकार, प्रारंभिक उपचार और परिणाम का संक्षिप्त अवलोकन एवं परिचय डॉ. सी देवा राहुल गाजियाबाद एवं डॉ अनिल कुमार द्वारा दिया गया।सेप्सिस को कैसे रोकें, हाथ की स्वच्छता का प्रदर्शन श्रीमती गीता पॉल द्वारा दिया गया।
दुनिया भर में 5 करोड़ और भारत में हर साल 1 करोड़ सेप्सिस से ग्रसित होते हैं। भारत में इन 1 करोड़ मरीजों में से 30 लाख मरीजों की मृत्यु हर साल सेप्सिस से जुड़ी होती है।दुनिया में 5 में से 1 मौत सेप्सिस से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी रहती है एवं इसके उत्तरजीवी को भी जीवन भर गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। सेप्सिस किसी संक्रमण के प्रति शरीर की अत्यधिक व्यवस्थित प्रतिक्रिया है और तीव्र जीवन-घातक बहुआयामी अंगों का फेलियर जो संभावित रूप से प्रतिवर्ती है, यही सेप्सिस की पहचान है और इससे ही इसका निदान(डायगनोस) किया जाता है।
सेप्सिस को रोका जा सकता है, सेप्सिस का इलाज संभव है. सेप्सिस को हराया जा सकता है तो आइए सेप्सिस को रोकने के लिए सभी लोग हाथ मिलाएं एवं इसके बारे में जागरूक हो। ताकि समय रहते इससे बचा जा सके और अगर हो जाए तो समय रहते हैं इसका इलाज जल्दी से करके इसके दूषप्रभावो से बचा जा सके एवं मृत्यु दर को कम किया जा सके।