राजेश बैरागी । हालांकि नामांकन में अभी कई दिन शेष हैं परंतु समाजवादी पार्टी में अभी तक प्रत्याशी को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। पहले घोषित प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर, वर्तमान घोषित प्रत्याशी राहुल अवाना और समाजवादी पार्टी के स्थानीय संगठन में टिकट को लेकर जोर आजमाइश जारी है।
पिछले एक सप्ताह में समाजवादी पार्टी नेतृत्व ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर दो प्रत्याशी घोषित किए हैं। पहले प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर अपने टिकट की विधिवत घोषणा कर भी नहीं पाए थे कि पार्टी ने उनके स्थान पर राहुल अवाना को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
राहुल अवाना ने लखनऊ से लौटते ही अपने प्रत्याशी होने का सार्वजनिक प्रदर्शन किया ही था कि डॉ महेंद्र नागर लखनऊ पहुंच गए। वहां उन्होंने अपनी प्रत्याशा खारिज करने को लेकर पार्टी नेतृत्व से न केवल शिकायत की बल्कि इससे क्षेत्र में पार्टी के प्रति जा रहे गलत संदेश का भी हवाला दिया। उनके साथ स्थानीय संगठन के भी अनेक लोग लखनऊ गये।
सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व को गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर गुर्जर बिरादरी में गौत्र वाद का समीकरण भी समझाया गया है। हालांकि समाजवादी पार्टी का बार बार प्रत्याशी बदलना कोई नई बात नहीं है। मिश्रिख (हरदोई) सहित कई लोकसभा सीटों पर तीन तीन बार या प्रत्याशी बदले गए हैं या बदलने की प्रक्रिया चल रही है। उधर पहले प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर को टिकट कटने के बाद फिर से आक्रामक तरीके से टिकट के लिए खड़े करने के पीछे भी कई कथाएं चर्चा में हैं।
एक चर्चा यह भी है कि डॉ महेंद्र नागर को पुनः सक्रिय करने में स्थानीय भाजपा संगठन पर्दे के पीछे से काम कर रहा है। इससे पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी न तो पूरे भरोसे के साथ चुनावी तैयारी कर पा रहा है और न पार्टी संगठन ही कोई रणनीति बना पा रहा है। इसके साथ ही गुर्जर बिरादरी में गौत्र वाद को लेकर उठे तूफान में और वृद्धि हो गई है। एक ही पार्टी के टिकट के लिए दो गुर्जर उम्मीदवारों में हो रही प्रतियोगिता से बिरादरी का सपा के प्रति भरोसा भी कम हो रहा है। भाजपा के लिए यह मुंह मांगी मुराद जैसा है।