आशु भटनागर । गौतम बुध नगर का चुनाव लोकसभा चुनाव अभी अपनी रवानी पर भले ही ना आया हो, किंतु चुनाव घोषित होने के बाद प्रमुख विपक्षी दलों से प्रत्याशियों के लगभग चयन की स्थिति स्पष्ट होने के साथ ही चुनाव में तेजी आ गई है । जहां चुनाव में दो बार के विजेता और वर्तमान भाजपा सांसद डॉ महेश शर्मा अपनी विजय के लिए निश्चित नजर आ रहे हैं वहीं विपक्ष में अभी प्रत्याशियों के बदले जाने या फिर उनके चयन को लेकर तमाम चर्चाएं चल रही है ऐसे में माना जा रहा है कि डॉक्टर महेश शर्मा फिलहाल इस चुनावी रेस में सबसे आगे हैं ।
कुछ राजनैतिक चर्चाओं में कहा जा रहा है कि डॉक्टर महेश शर्मा ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हो गए हैं और फिलहाल कछुए और खरगोश की रेस के खरगोश की तरह सबसे आगे निकलकर सुस्ताने के लिए बैठ गए हैं लोगों का कहना है कि कहीं आने वाले दिनों में खरगोश सुस्ताने के लिए बैठने की जगह सो ना जाए और पीछे से कोई कछुआ इस बार जीत जाए ।
शहरी वोटो के लिए डॉक्टर महेश शर्मा का भरोसा मतदाताओं पर चाहे जितना भी हो किंतु नाराज शहरी मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग क्षेत्र में निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों से कुछ प्रत्याशियों के सामने आने की बाते कर रहा है । जानकारों की माने तो ये सिर्फ चर्चा नही ऐसा वास्तव में होता देख रहा हैI नोएडा और ग्रेटर नोएडा के शहरी क्षेत्र से कई लोग डॉक्टर महेश शर्मा के से नाराज सोसाइटी के लोगों के वोटो के लिए सामने आकर ताल ठोकने की तैयारी कर रहे हैं । रोचक तथ्य यह है कि इनमें अभी तक सामने आ रहे सभी ज्ञात लोग ब्राह्मण समुदाय से ही हैं ।
एनसीआर खबर को जानकारी मिली है कि विश्व ब्रह्माशी समाज के अध्यक्ष को चुनाव में उतरने की तैयारी की जा रही है । माना जा रहा है कि इस युवा को शहरी और गांव की समस्याओं को लेकर क्षेत्र के ब्राह्मण समाज द्वारा उतारा जा सकता है वही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट बायर्स की समस्याओं से परेशान बायर्स का एक समूह एक ब्राह्मण/ पहाड़ी ब्राह्मण या पूर्वांचल से ब्रह्मण को खड़ा कर सकता है ।
इन सभी प्रत्याशियों के पीछे शहर के समाज से परेशान समाजसेवियों का एक बड़ा वर्ग कार्य कर रहा है। यह सभी लोग फ्लैट बायर्स की समस्याएं, मेट्रो जैसी सार्वजनिक परिवहन की समस्या, आवारा कुत्तों की समस्याएं और क्षेत्र में टूटी हुई सड़कों से लेकर एनपीसीएल की समस्याओं से ग्रसित या फिर यूं कहे कि परेशान हो चुके लोग हैं।
स्थिति इतनी खराब है कि इनमें भाजपा के समर्थन से चल रही फोनरवा, नोफा और फोना जैसी फ्लैट एसोसिएशंस के विरोधी लोग भी शामिल हैं रोचक तथ्य यह है कि विरोधी लोगों का संघ से बड़ा करीबी नाता है । सोसाइटी में माना जाता है कि हर जगह दो गुट होते हैं जिसमें एक अच्छा किसी न किसी तरीके से भाजपा के नेताओं के साथ अपनी करीबी बना लेता है किंतु विरोधी गुट अपनी हताशा को चुनाव में हथियार बन सकता है ।
गौतम बुध नगर की चुनावी गणित का बड़ा आंकड़ा यह भी है आंकड़ा यह भी है कि इस बार चुनाव आयोग ने लगभग 100 सोसाइटी में मतदान केंद्र उनके क्लब हाउस में बना दिए हैं इसका मतलब यह माना जा रहा है कि यहां एक से डेढ़ लाख के करीब वोट पढ़ेंगे । भाजपा का सॉलिड वोट माने जा रहे इन वोटो में अगर नाराज लोगों के वोटो की संख्या ज्यादा हुई तो यह बीजेपी को बैकफायर कर सकता है
नोएडा ग्रेटर नोएडा के शहरी वोटो और समस्याओं पर अपनी बेबाक राय रखने वाले एक समाजसेवी ने एनसीआर खबर को बताया कि दरअसल शहरी मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग इस बार भाजपा और उसके प्रत्याशी को सबक सिखाने के लिए ऐसे निर्दलीय मतदाताओं को 50000 से 1 लाख वोटो तक की चोट देने की गुपचुप तैयारी कर रहा है । और इन प्रत्याशियों के पीछे बताया जा रहा है कि भाजपा के ही डॉक्टर महेश शर्मा से नाराज भाजपा के कई लोग भी पीछे से समर्थन कर रहे हैं।
शहर की राजनीति को मापने वाले वरिष्ठ पत्रकार ने एनसीआर खबर को बताया कि चुनाव में किसी की भी जीत कभी भी हार में बदल सकती है। कदाचित इस क्षेत्र डॉक्टर महेश शर्मा की जीत की संभावना से तो कोई नहीं इनकार कर सकता है । किंतु बदली परिस्थितियों में अगर भीतरघात के चलते इस तरीके के प्रयोग को सफलता से पूरा किया गया तो डॉक्टर महेश शर्मा की जीत संघर्षपूर्ण जीत में बदल जाएगी ।
ऐसे में सबकी निगाहें अब दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने पर लग गई हैं आपको बता दें कि गौतम बुध नगर में 26 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और तब तक इन नाम के बिल्कुल खुलकर सामने आने की तस्वीर भी साफ हो जाएगी ।