पर उपदेश कुशल बहुतेरे वाली कहावत आपने बहुत सुनी होगी और नेताओं को लेकर ऐसी बातें आसानी से सुनने को मिल जाती हैं। गौतम बुद्ध नगर लोकसभा चुनाव में भी आजकल लोग नेताओं की कथनी और करनी को लेकर तमाम बातें सुन रहे हैं।
ऐसा ही एक किस्सा पीडीए के सहारे लड़ने वाली पार्टी के नोएडा में चुनावी कार्यालय के उद्घाटन को लेकर जिले की राजनीति में चल रहा है। जानकारों की माने तो मूर्ख दिवस के दिन अपना नामांकन करने वाले और पीडीए से अपनी राजनीति के बहाने भाजपा को हराने का दावा करने वाले राजनीतिक दल के प्रत्याशी के नोएडा कार्यालय के उद्घाटन में जब नेता लोग हवन करा कर उद्घाटन का शुभारंभ करते देखे तो लोगों ने पूछना शुरू कर दिया कि क्या यही इनका पीडीए है। या पीडीए सिर्फ टिकट लेने तक था । जिले में ब्राह्मण के टिकट पर पीडीए को वरीयता देने वाले नेता कार्यालय उद्घाटन के समय वापस उन्ही ब्राह्मणवाद की परंपराओं पर क्यों जुट गए जिनके विरोध में वह लगातार विष दमन करते रहते हैं।
रोचक तथ्य यह है कि इस कार्यालय उद्घाटन के हवन कार्यक्रम में प्रत्याशी से लेकर पीडीए समर्थक तमाम नेता मौजूद रहे और चुनाव में अपने प्रत्याशी की जीत के लिए हवन में आहुतियां देते रहे और भगवान से कामना भी करते रहे कि इस बार प्रभु चमत्कार करवा दो, कैसे भी हो पीडीए के नाम पर चुनाव जितवा दो और सबसे रोचक बात यह रही कि आखिर में हवन करवाने वाले ब्राह्मण को 5100 देना भी नहीं भूले। पार्टी के एक सवर्ण नेता ने एनसीआर खबर को नाम न छापने की शर्त पर बताया की पीडीए हो या मुस्लिम प्रेम हो यह सब चुनावी दांव पेंच हैं आखिर में संकट के समय सबको भगवान और ब्राह्मण ही याद आता है ।
अब ऐसे में हमें क्या,हम तो यही कहेंगे चुनावी महीना है नेता जहरीले बयानों के सहारे भले ही जनता को कुछ भी समझाएं किंतु करोड़ों लगाकर चुनाव हारने की जगह अगर सारे दाव प्रपंच कर लिए जाए तो बुराई क्या है ?