देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और चुनाव को लेकर इन दिनों हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से समर्थन और विरोध कर रहा है किंतु ग्रेटर नोएडा की गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के दौरान मीडिया चैनल द्वारा किए गए वीडियो इंटरव्यू के बाद अब गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के ऊपर प्रश्न खड़े हो रहे हैं ।
दरअसल दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने गए गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्रों से जब न्यूज़ चैनलों के पत्रकारों ने बातचीत की तो उनके हाथों में लिए पट्ट (plank) के बारे में प्रश्न पूछ लिए किंतु लाखों रुपए महीना के फीस देकर पढ़ाई कर रहे इन छात्रों को ना उन पट्ट पर लिखे स्लोगन पता थे नही उनको हिंदी और इंग्लिश स्पष्टता से पढ़नी आ रही थी ऐसे में इसके बाद सोशल मीडिया पर गलगोटिया यूनिवर्सिटी को ट्रोल करना शुरू कर दिया गया और प्रश्न पूछे जाने लगे कि कहीं यह यूनिवर्सिटी आपके बच्चों को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में तो तब्दील नहीं कर रही है।
लोगों का कहना है कि कांग्रेस स्थित मुख्य कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने गए छात्रों को पता भी नहीं था कि उनको किस उद्देश्य से भेजा गया था छात्रों को बस भाजपा का समर्थन करने को कहा गया, किंतु यह किसने कहा था और किसके कहने पर कहा गया था इसका प्रति उत्तर कोई नहीं दे पा रहा है ।
नोएडा के एक स्थानीय सांध्य अखबार के पत्रकार जब गलगोटिया यूनिवर्सिटी से इसका वर्जन लेने पहुंचे तो वहां पर मैनेजमेंट ने उन्हें एक से दो दिन बाद आने को कहा।ऐसे में नोएडा की इस बड़ी यूनिवर्सिटी के ऊपर तमाम प्रश्न उठ रहे हैं । बताया जाता है कि नोएडा स्थित तमाम संस्थान भाजपा के नेताओं के समर्थन में अपने-अपने कॉलेज के बच्चों को लगातार चुनाव में प्रयोग करते रहे हैं। तमाम कॉलेज में भाजपा के कार्यक्रम हुए हैं ।
विपक्ष ने आरोप लगाए कि दरअसल इन कॉलेजेस में पढ़ाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है किंतु भाजपा को अपने कॉलेज फ्री में उपलब्ध कराने के चलते इन यूनिवर्सिटीज को सुरक्षा मिलती रहती है बीते दिनों शहर की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी के कई छात्रों की लड़ाइयां तक सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं और यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट पर तमाम प्रश्न उठे हैं।