राजेश बैरागी । देश की राजधानी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे बसपा प्रत्याशियों की क्या स्थिति रहने वाली है? इनमें से पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी मौहम्मद वकार चौधरी आम आदमी पार्टी प्रत्याशी की जीत की राह में एक बड़ा रोड़ा बनने के प्रयास में लगे हैं।
देश और दिल्ली की सबसे बड़ी लोकसभा सीटों में से एक पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर चुनाव रोचक होता जा रहा है। इस सीट पर सोलह लाख मतदाता हैं जिनमें मुस्लिम और दलित मतदाताओं की हिस्सेदारी लगभग चालीस प्रतिशत है।1966 में गठित इस लोकसभा सीट पर बैकुंठ लाल शर्मा,एच के एल भगत और संदीप दीक्षित जैसे राजनीतिक दिग्गजों ने एक से अधिक बार यहां का संसद में प्रतिनिधित्व किया है। मौजूदा सांसद गौतम गंभीर के चुनाव न लड़ने पर भाजपा ने इस बार हर्ष मल्होत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने एक दलित विधायक कुलदीप कुमार कुमार को टिकट दिया है।
बहुजन समाज पार्टी ने मौहम्मद वकार चौधरी को मैदान में उतारा है। मुख्य मुकाबला भाजपा और आप प्रत्याशी के बीच ही है परंतु जैसे आम आदमी पार्टी ने इस सामान्य सीट पर दलित प्रत्याशी उतारकर दलित मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की चाल चली है, वैसे ही बसपा ने एक मुस्लिम को टिकट देकर आप प्रत्याशी का गणित बिगाड़ दिया है।
यद्धपि बीते 17 अप्रैल को कथित तौर पर हुई एक घटना के बाद बसपा प्रत्याशी के समक्ष अपनी धार्मिक सत्यनिष्ठा को साबित करना मुश्किल हो रहा है। बताया जा रहा है कि उनका मुस्लिम समाज ही उनसे सवाल कर रहा है जिसके लिए उन्हें रोजाना सफाई देनी पड़ रही है।
ऐसे ही आज कौंडली स्थित अपने चुनावी कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में बसपा प्रत्याशी वकार चौधरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों के बचाव में आंसू बहाकर दिखाए।
उनपर भाजपा के लिए चुनाव मैदान में उतरने का भी आरोप है जिसका उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि भाजपा की हैसियत नहीं है कि वह उन्हें खरीद सके।
उल्लेखनीय है कि बसपा ने दिल्ली की सातों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें से तीन मुस्लिम प्रत्याशी हैं। ये सभी आम आदमी पार्टी को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों और दो दिन पहले स्वाति मालीवाल के साथ केजरीवाल के आवास पर हुई मारपीट की घटना ने उसे काफी नुकसान पहुंचाया है।रही सही कसर बसपा प्रत्याशी पूरी कर रहे हैं।