गौतम बुध नगर में भू माफियाओं द्वारा अवैध कालोनियों को काटे जाने का खेल अनवरत जारी है । प्राधिकरण और जिलाधिकारी के तमाम दावों के बावजूद नोएडा से लेकर जेवर तक अधिसूचित क्षेत्र में तमाम भू माफियाओं ने प्लाटिंग और डुप्लेक्स बनाने की फर्जी योजनाएं चला रखी हैं रोचक तथ्य यह है कि इन पर ये लोग बैंक से लोन की गारंटी भी दे रहे हैं ।
ऐसा ही एक खेल ग्रेटर नोएडा के साइट c से लगी 96 एकड़ जमीन पर भी चल रहा है । जानकारी के अनुसार भू माफिया के लोग इसके लिए बाकायदा विज्ञापन जारी कर रहे हैं और अखबारों में पंपलेट बंटवा रहे हैं जगह-जगह सेल्स ऑफिस खोल कर बैठे इन लोगों के अनुसार यह जमीन युपीसीडा ने कई साल पहले कोर्ट के आदेश से आबादी की जमीन के लिए वापस कर दी थी, इसलिए यहां पर प्लाटिंग हो रही है और डुप्लेक्स फ्लैट बनाए जा रहे हैं । एनसीआर खबर ने इस बाबत इन साइट्स का दौरा किया तो वहां मौजूद लोग इनके लेआउट प्लान अप्रूवल से लेकर सीवर सिस्टम और एसटीपी जैसी किसी योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके ।

यहां बन रही डुप्लेक्स परियोजना को मात्र 4 महीने में खड़ा कर दिया गया है। साइट पर मौजूद कंस्ट्रक्शन इंजीनियर ने बताया कि जल्दी ही निर्माण कार्य पूरा कर लोगों को डिलीवरी दे दी जाएगी । वहीं स्थानीय जिला प्रशासन से इस बारे में जानकारी लेने पर अभिज्ञता जताई गई। निर्माणाधीन साइट से मात्र 300 मीटर दूर चल रही चौकी के बारे में तो कहां जाता है कि उसे अपनी चौकी के सामने ट्राली पर लाद कर बिक रही अवैध ईटों के बारे में भी जानकारी नहीं है ऐसे में इतनी बड़ी साइट के बारे में प्रश्न पूछना ही बेमानी है।
यहां मौजूद कर्मचारियों के अनुसार उनकी परियोजना में सभी कागज पूरे हैं किंतु वह यह नहीं बता सके की किस तरीके से अधिसूचित क्षेत्र की जमीन पर आबादी की जमीन पर आवासीय कालोनी काटी जा सकती है या फिर किस तरीके से डुप्लेक्स फ्लैट बनाकर बेचे जा सकते हैं ? या फिर आबादी की ज़मीन पर अधिग्रहण से बचाई ज़मीन किस आधार पर प्लोटिंग के योग्य हो गयी है I कैसे निजी कोलोनाइजर इन प्राधिकरण से बेह्टर सुविधाए देंगे या फिर कहीं कोई बड़ा खेल है I


आखिर इन कॉलोनीयों को नोएडा ग्रेटर नोएडा यमुना या फिर यूपीसीडा या किस प्राधिकरण ने अप्रूवल दिया है इनके निर्माण से लेकर भविष्य में होने वाले सड़क बिजली के रखरखाव पर किस प्राधिकरण के अंतर्गत यहां सुविधा दी जाएगी? यहां पैसे लगाने वाले लोग किस से अपनी सीवर लाइन और बिजली की समस्याओं के लिए समाधान मांगेंगे या फिर इस पूरे क्षेत्र को एक स्लम बनाकर भूमाफिया रफू चक्कर हो जाएंगे।
यूपी सीडा की कार्यप्रणाली से परेशान लोगो ने आरोप लगाया कि जिस क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे सक्षम प्राधिकरण मौजूद हैं वहां युपीसीडा को रहने करने का आज कोई औचित्य ही नहीं है । इन प्राधिकरण के सामने ये बिना दांत का शेर है, और उसकी नाकामी और अफसरों की मिली भगत से ही क्षेत्र में अवैध कालोनियां काटती रहती हैं।
एनसीआर खबर की टीम ने जब इस साइट का दौरा किया तो यह समझ आया कि किस तरीके से युपीसीडा के कुछ अधिकारी भी भू माफिया के साथ मिलकर इस परियोजना में अपने हाथ सेक रहे हैं क्योंकि परियोजना से निकलने वाली सड़कों को जानबूझकर युपीसीड़ा की सर्विस लेने से जोड़ा गया है जिससे यह लगे कि यह युपीसीड़ा साइट सी का एक हिस्सा है आपको बता दें की साइड सी एक औद्योगिक क्षेत्र है । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जोड़ने वाली सड़क के बीचो-बीच तिलप्ता चौराहे के साथ इस जगह को प्राइम लोकेशन बताया जा रहा है और लोगों को लगातार प्राधिकरण की जमीन के बहाने धोखा देकर बेवकूफ बनाया जा रहा है ।
इस प्रकरण पर एनसीआर खबर में जब युपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा से बात की तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। यद्यपि उन्होंने स्पष्ट किया कि युपीसीडा के नाम पर कोई कॉलोनी नहीं काटी जा सकती है किंतु उनकी अभिज्ञता से प्रश्न यह भी खड़ा होता है कि आखिर युपीसीडा को अपने क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों का कैसे अंदाजा नहीं है ।