नौतपा की तेज गर्मी के बीच बुधवार शाम जब अचानक बदरा छाए और जबरदस्त हवा के साथ बारिश हुई तो दिल्ली एनसीआर में लोगो को तात्कालिक तौर पर गर्मी से आजादी मिली। बताया गया कि मौसम में अप्रत्याशित परिवर्तन मानसून के आने से नही बल्कि पश्चिम बंगाल में आए एक चक्रवात के चलते था ।
खैर अंधे को क्या चाहिए दो आंखें ? दिल्ली एनसीआर के लोगों को अचानक हुए परिवर्तन से राहत मिल कर 15- 20 मिनट की बारिश के बाद लोग सड़कों पर दोबारा निकले तो उन्हें अब गर्मी की जगह बारिश के कारण एकत्र हुए पानी से समस्या हो गई ।
दिल्ली नोएडा गाजियाबाद में जगह-जगह टूटी सड़कों पर पानी भरने के कारण जिन गढ्ढों से तक बचकर निकलते थे, अब उनके चलते हुए गिरने लगे । अभी तक बिजली ज्यादा डिमांड के कारण कट की शिकायत कर रहे लोग अब तेज हवा के कारण बिजली ना आने की शिकायत कर रहे थे ।
क्या मौसम कैसा भी हो हमारे सरकारी विभाग अपने काम ना करने की शैली के चलते बदनाम ही है या फिर काम ना करने के लिए उनके पास कुछ समस्याएं भी है । क्या दोनों प्राधिकरण को बारिश से पहले नालों की सफाई और सड़कों पर जमा होने वाले पानी के लिए अपने विभाग को अलर्ट कर देने का समय आ गया है ?
दोनों ही बातें सही है । यह भी सच है कि उदारीकरण की आड़ में जिस तरीके से सरकारी विभागों में कर्मचारियों की छटनी कर संविदा पर लोग रखे गए हैं और उनकी संख्या भी डिमांड की तुलना में एक चौथाई ही है, उससे समस्या पर प्राधिकरण के अधिकारियों की मजबूरी दिखाई देती है और इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
पर इस आधार पर काम नहीं रोके जा सकते है क्योंकि सरकारी गजट में आम तौर पर अधिकृत तौर पर 15 जून बरसात का आने का समय होता है । ऐसे में बिन बादल हुई इस बरसात के कारण जो समस्या अभी दिखाई दी है क्या उसके लिए है प्राधिकरण के अधिकारियों को समय से चेतने की आवश्यकता है या फिर जब बरसात अपने ऊफान पर होगी तब हम फिर से लोगो को सड़को पर जलभराव से दो चार होते देखेंगे। सड़को पर बने गढ्ढों में गिरते देखेंगे या फेस टू में ट्रैफिक पुलिस को पानी के भराव के बीच ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखेंगे या फिर बरसात के समय आम लोग फिर से अधिकारियों द्वारा कामना किए जाने के ताने देते देखेंगे ?
बहुत समय बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा दोनों ही जगह बेहद काबिल मुख्य कार्यपालिक अधिकारी लोकेश एम और रवि कुमार एनजी आए है और जनता को इस बार उनसे इन समस्याओं पर नोएडा ग्रेटर नोएडा के पुराने ढर्रे की जगह नए तरीके के कार्यों की अपेक्षा है । ऐसे दोनों से इस बरसात में उनकी सफलता के नए आयाम की अपेक्षा रहेगी।