दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी महायुद्ध का परिणाम अब लगभग तय हो गया है। 400 पार का नारा देने वाले भाजपा चुनावी रुझानों में ढाई सौ का आंकड़ा छूने में नाकाम दिखाई दे रही है तो सहयोगियों के साथ उनका गठबंधन एनडीए 300 तक नहीं पहुंच पा रहा है।
वही बीते दो चुनावो से अर्धशतक के लिए तरस रही कांग्रेस फिलहाल रुझानों में शतक लगाने के करीब दिखाई दे रही है तो उनके सहयोगी गठबंधन इंडिया 271 के मजबूत आंकड़े के साथ इठलाता नजर आ रहा है ।
इस जनादेश के साथ ही यह भी तय हो गया है कि भाजपा का एनडीए को 400 पर और पार्टी को 370 पर ले जाने का दवा भाजपा के लिए भस्मासुर साबित हो गया है इस जनादेश ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा की फ्री भी योजनाएं लोगों को लुभा नहीं सकी है प्रधानमंत्री मोदी रूपी बैसाखी के सहारे उनके नाम पर चुनाव लड़ने की भाजपा के प्रत्याशियों हालात हिंदी बेल्ट में लगातार खराब देखी गई ।
इन चुनावों ने एक बार फिर से 10 वर्षों बाद गठबंधन के साथियों की राय से चलने वाली सरकारों का दौर याद दिला दिया है माना जा रहा है अब सरकार किसी की भी बने गठबंधन के सहयोगियों की इच्छा के अनुरूप काम न करना सरकार की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है ।
बहराल सरकार कौन बनाएगा कैसे बनाएगा इसके लिए कुछ भी कहना जल्दबाजी है अभी तक अंतिम आंकड़े नहीं आए हैं । समाचार लिखे जाने तक एनडीए 294 और भाजपा को 243 सीटों पर बढ़त मिली हुई है । पहली नजर में इन आंकड़ों के साथ भारतीय जनता पार्टी जीतकर भी निराश नजर आ रही है इस निराशा से आज शाम 7:00 बजे प्रधानमंत्री मोदी पार्टी कार्यालय में पहुंचकर किस तरीके से अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएंगे यह देखने बाद वाली बात रहेगी वहीं उम्मीद से तीन गुना प्रदर्शन बेहतर प्रदर्शन करने वाला विपक्ष भले ही सरकार बनाता नहीं दिख रहा है किंतु वह अपने इस सफलता से बेहद खुश है राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस के मायने भी यही थे । ऐसे में राजनीति का ऊंट अब किस करवट बैठेगा इस हफ्ते में तय हो जाएगा