- कानून व्यवस्था को लेकर मचा शोर तो पहली बार भाजपा सांसद महेश शर्मा और विधायकों ने की पुलिस प्रशासन के साथ बैठक
- डॉ महेश शर्मा ने दादरी विधायक तेजपाल नागर, दोनों विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा व नरेन्द्र भाटी को साथ लेकर पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह तथा जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के साथ की चर्चा
- जेवर विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह क्यों नहीं शामिल हुए?
- नोएडा विधायक पंकज सिंह क्यों नहीं शामिल हुए?
राजेश बैरागी । मेरा हमेशा यह मानना रहा है कि किसी भी जिले तहसील क्षेत्र में होने वाले अपराध पर पत्रकारों को केवल पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से ही सवाल नहीं करने चाहिएं बल्कि वहां के सांसद और विधायक से भी कैफियत तलब की जानी चाहिए। परंतु आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। इसके उलट सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि गंभीर किस्म की अपराधिक घटनाओं पर पुलिस प्रशासन की हिमायत करते नजर आते हैं जबकि विपक्ष को हमेशा पुलिस प्रशासन के कार्यों में खोट ही दिखाई देता है। परंतु आज गुरूवार को जिला गौतमबुद्धनगर के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों ने पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से जनपद की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल जवाब किए।
यह बैठक पुलिस आयुक्त कार्यालय नोएडा सेक्टर 108 में हुई। क्या यह बैठक हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद कानून व्यवस्था को लेकर हरकत में आई योगी सरकार के निर्देश पर हुई होगी? क्या ऐसी बैठकें भविष्य में भी होते रहने की संभावना है? क्या इस प्रकार की बैठकों से कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन का कामकाज और बेहतर हो जाएगा?
इन सभी प्रश्नों के जवाब आने वाले समय के गर्भ में पल रहे हैं। परंतु यदि पुलिस प्रशासन को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति भी जवाबदेह बनाया जाए तो इससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं बशर्ते कि जनप्रतिनिधि पुलिस प्रशासन की इस जवाबदेही का इस्तेमाल अपने निजी हितों के लिए न करने लगें।
हां एक बात बताना तो रह ही गया। इस बैठक में जेवर विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह और नोएडा विधायक पंकज सिंह शामिल नहीं थे। जेवर विधायक का शामिल न होना तो समझ में आता है। भाजपा में होने के बावजूद उन्हें सांसद का धुर विरोधी माना जाता है। नोएडा विधायक क्यों नहीं शामिल हुए?जिले की राजनीति पर पैनी दृष्टि रखने वाले एक पत्रकार ने चुटकी लेते हुए कहा कि पंकज सिंह इन सब बातों से ऊपर हैं।