सुप्रीम कोर्ट ने संभल हिंसा के बाद जामा मस्जिद हरिहर मंदिर विवाद पर महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए निचली अदालत से संभल जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई न करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है और कहा कि अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी। मस्जिद समिति की तरफ से वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी अदालत में पेश हुए। वहीं प्रतिवादी पक्ष की तरफ से वकील विष्णु शंकर अदालत में पेश हुए।
आपको बता दें कि जामा मस्जिद हरिहर मंदिर विवाद पर समिति ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वह उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए।
संभल का इतिहास
कहा जाता है कि सतयुग में इस जगह का नाम सत्यव्रत था। त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल और कलयुग में संभल नाम से मशहूर है । लोदी से लेकर मुगलों तक, 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16वीं शताब्दी तक, यह किसी न किसी सम्राट के शासन के अधीन रहा है। 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान, सम्भल पांचाल शासकों का घर था। इसके बाद राजा अशोक के साम्राज्य का एक हिस्सा बना। ऐसा कहा जाता है कि 12वीं शताब्दी के दौरान, संभल में दिल्ली के अंतिम हिंदू शासक पृथ्वीराज चौहान ने दो भयंकर युद्ध लड़े थे. दोनों ही गाजी सैयद सालार मसूद के खिलाफ थे। आपको बता दें, गाजी सैयद सालार मसूद गजनी साम्राज्य के शासक महमूद गजनी का भतीजा था। पहले युद्ध में चौहान ने जीत हासिल की. वहीं, दूसरे युद्ध में इसके विपरीत हुआ।
14 वीं शताब्दी की शुरुआत में दिल्ली के पहले मुस्लिम सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने संभल पर कब्जा किया और उसे अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। इसके बाद, संभल में एक हिंदू शासक ने उसके कई आदमियों की हत्या कर दी। इससे नाराज होकर दिल्ली के दूसरे सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने संभल शहर पर हमला कर दिया। फिर हिंदू शासक की सेना को हराने और उसे गुलाम बनाने के लिए वहां मुस्लिम शासन लागू कर दिया. वहीं, 15वीं शताब्दी ईसा पूर्व में लोदी साम्राज्य के दूसरे शासक सिकंदर लोदी ने संभल को अपने विशाल साम्राज्य की राजधानी बनाया, जो चार साल तक रही. जब लोघी साम्राज्य का अंत हुआ तो बारी मुगलों की आई।
संभल में पहले मुगल शासक बाबर ने पहली बाबरी मस्जिद बनवाई थी, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये हरिहर मंदिर था I और ताज़ा विवाद सीके सर्वे के आदेश को लेकर ही है I फिर हुमायूं ने अपने बेटे अकबर को शासन सौंप दियाI ऐसा कहा जाता है कि अकबर के शासन में संभल का विकास हुआ था, लेकिन बाद में जब अकबर का बेटा शाहजहां यहां का प्रभारी बना तो इसकी लोकप्रियता कम हो गईI