आशु भटनागर । उत्तर प्रदेश के गौतम बुध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में बुधवार को 152 टन गौ मांस के प्रकरण में कड़ी कार्यवाही करते हुए थाना दादरी एसएचओ निलंबित कर और एसीपी अमित कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया । पुलिस मीडिया सेल के अनुसार लखनऊ डीजीपी मुख्यालय के हस्तक्षेप के बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने घटना के एक हफ्ते बाद ये कार्यवाही की ।
देशभर में चर्चित हुए इस पूरे प्रकरण में दो पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होने की सूचना के बाद इस पूरे घटनाक्रम के सूत्र ढूंढे जाने लगे और इसका श्रेय लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर को दिया जा रहा है । जानकारी के अनुसार जिले के दो सांसद डॉ महेश शर्मा, सुरेंद्र सिंह नागर और दो विधायकों तेजपाल नागर और धीरेंद्र सिंह के होने के बावजूद गौ मांस के मामले में लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गौतम बुद्ध नगर जाकर न सिर्फ नोएडा पुलिस के डीसीपी साद मियां खान से मुलाकात की बल्कि नोएडा से लेकर राजधानी लखनऊ में बैठे हुए उच्च पद पर तैनात दो बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप तक लगा दिए ।नंदकिशोर गुर्जर ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह सब काम लखनऊ में बैठे दो बड़े अधिकारियों के निर्देश पर हो रहा है इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर स्थानीय अधिकारियों के साथ उन दोनों शीर्ष अधिकारियों की शिकायत की बात की और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्यवाही करने की बात कही ।
नंदकिशोर गुर्जर ने नोएडा ग्रेटर नोएडा में आने के बाद मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा था कि वह आरएसएस के स्वयंसेवक हैं और पूरे सनातन धर्म के ऊपर इस घटना के कारण हमला हुआ उन्होंने इस घटना को सरकार पर कलंक बताते हुए पुलिस प्रशासन को सीधा जिम्मेदार ठहराया था ।
इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक विश्लेषको कहना है कि कदाचित नंदकिशोर गुर्जर की विशुद्ध तौर पर आरएसएस से जुड़ी राजनीति के कारण उनका दबाव रंग लाया, नहीं तो इस क्षेत्र में दो सांसद और दो विधायकों को में तीन को अब तक भाजपा का मूल नेता नहीं माना जाता है इसीलिए सुरेंद्र सिंह नागर ,धीरेंद्र सिंह और तेजपाल नागर ने भाजपा से विधायक और सांसद होने के बावजूद इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया नहीं दी, वहीं आरएसएस के आने वाले डॉक्टर महेश शर्मा भी इस पूरे प्रकार पर शांत दिखाई दिए किंतु RSS से आने वाले नंदकिशोर गुर्जर ने न सिर्फ इस मामले पर लोनी से दादरी जाकर बात की बल्कि इस मुद्दे को लखनऊ मुख्यमंत्री तक ले गए।
अब इस पूरे प्रकरण में कार्रवाई होने के बाद यह माना जा रहा है की संभावित लखनऊ में दो बड़े शीर्ष अधिकारियों पर भी इस मामले को लेकर गाज गिर सकती है बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में जब मुख्यमंत्री लगातार गौ संवर्धन और संरक्षण के लिए कान्हा गोशाला जैसे योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं तब इस पूरे क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर गौ मांस के ले जाने और डिस्ट्रीब्यूशन के खेल पर जिस तरीके से नंदकिशोर गुर्जर ने एक्शन लिया और गंभीर जांच और कार्यवाही की मांग की है इसके परिणाम आने वाले दिनों में और भी दिखाई दे सकते हैं ।