नोएडा पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अर्थी निकाल कर चर्चा में आने वाले आरोपी मोहित नागर को रविवार सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया । सोमवार की सुबह बिना किसी शोर शराबे के कोर्ट में पेश करके उसे 14 दिन के लिए जेल भेज दिया ।
नोएडा पुलिस के सूत्रों के अनुसार तीन दिन पहले समाजवादी पार्टी युवाजन छात्र सभा के जिला अध्यक्ष मोहित नागर ने किसानों की समस्या के नाम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अर्थी निकाल कर उसमें आग लगा दी थी । प्राधिकरण के गेट पर अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण मौजूद पुलिस की सिपाही भी भौंचक्के रह गए ।
समाजवादी नेताओं ने किया मोहित से किनारा
इस पूरे प्रकरण पर पुलिस के अनुसार समाजवादी पार्टी के नेताओं ने किसी भी तरीके की जानकारी न होने की बात की ओर उससे किनारा कर लिया। पुलिस सूत्रों की माने तो उन्होंने जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी से इसके संपर्क में बात की तो उन्होंने बताया कि उनको इस कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वह इस तरीके के कार्यक्रम का समर्थन नहीं करते है इसके बाद पुलिस ने आरोपी मोहित नगर की तलाश जोर-शोर से शुरू कर दी ।
इस पूरे प्रकरण पर एनसीआर खबर ने जब जिला अध्यक्ष सुधीर भाटी से बात की तो उन्होंने बताया की समाजवादी युवाजन सभा के कार्यक्रम लखनऊ से आते हैं । किंतु यह पूछने पर की क्या छात्र सभा लखनऊ से किसान मोर्चे के नाम पर मुख्यमंत्री का पुतला जलाने का कार्यक्रम भेज रहा था वह कोई जवाब नहीं दे सके । पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी कई नेताओं ने छात्र सभा के बैनर द्वारा किसान मुद्दों पर उग्र आंदोलन गलत बताया है । समाजवादी नेताओं ने स्पष्ट कहा कि राजनीतिक विरोध की सीमाएं होती हैं और किसी भी राजनेता को उसे नहीं लांघना चाहिए तो कई समाजवादी नेताओं ने पूरे घटनाक्रम को मोहित नागर द्वारा जल्दी प्रसिद्धि पाने और सपा में अपनी राजनीति को स्थापित करने का शॉर्टकट भी बताया।
घटना के बाद लगातार वीडियो जारी कर पुलिस को दे रहा था चैलेंज
नोएडा पुलिस के सूत्रों ने बताया कि आरोपी मोहित नागर घटना के बाद अंडरग्राउंड हो गया था और लगातार वीडियो बनाकर पुलिस प्रशासन को चैलेंज कर रहा था । पुलिस उसकी ट्रेस ना कर सके इसलिए उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया था और वह लगातार व्हाट्सएप कॉल से बातें कर रहा था किंतु उसकी एक गलती उसे पर भारी पड़ गई । व्हाट्सएप कॉल के लिए इंटरनेट लेने के लिए उसने लगातार वाईफाई कनेक्शन बदलने की जो तकनीक अपनी उसी के चलते उसने एक बार मोबाइल इंटरनेट से वाईफाई कनेक्शन ले लिया । बस वही से पुलिस को उसके स्थान की जानकारी मिल गई जिसके बाद पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया ।
नोएडा पुलिस की पूरे प्रकरण को लेकर गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि घटना क्षेत्र के पुलिस चौकी इंचार्ज तीन दिन तक इसको ढूंढने में लग रहे और पुलिस चौकी नहीं जा सके ।