उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर स्थित न्यायालय परिसर में वकीलों की आम सभा के दौरान सोमवार को अधिवक्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई। अधिवक्ता संदीप भाटी ने बार अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी और उनके समर्थकों पर जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए सूरजपुर थाने में एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की। नाराज अधिवक्ताओं ने आपातकालीन सभा बुलाकर वर्तमान कार्यकारिणी को बर्खास्त कर संदीप भाटी को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया, वहीं बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता को नोटिस जारी किया है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि 10 जून सुबह 10 बजे तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती, तो सभी वकील थाना सूरजपुर का घेराव करेंगे।
आरोप है कि सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे अधिवक्ता चौक पर बैठक के दौरान प्रमेन्द्र भाटी और उनके समर्थकों ने पिस्टल, तमंचे, लाठी-डंडों से अचानक संदीप भाटी पर हमला कर दिया। प्रमेन्द्र भाटी और कृष्ण भाटी ने पिस्टल की बट से संदीप भाटी के मुंह और नाक पर वार किया। जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
जानकारी के अनुसार विवाद साइबर ठगी पीड़ितों को मुफ्त कानूनी सहायता की सूची को लेकर शुरू हुआ। संदीप भाटी ने आरोप लगाया कि प्रमेन्द्र भाटी और समर्थक कोर्ट में दबंगई करते हैं। घटना के बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने बार की आपातकालीन आमसभा बुलाई गई। जिसमें हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रमेन्द्र भाटी के नेतृत्व वाली वर्तमान कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया और संदीप भाटी को सर्वसम्मति से बार का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पूर्व अध्यक्षों ने मारपीट की निंदा की। मंगलवार सुबह तक एफआईआर न होने पर वकील थाने का घेराव करेंगे।
वहीं अध्यक्ष प्रमेंद्र भाटी का कहना है कि साइबर अपराध से पीड़ित लोगों को ठगी के खाते में होल्ड रकम वापस दिलाने के बार एसोसिएशन ने 27 अधिवक्ता ठगी की लिस्ट जारी कर कहा था कि ठगी के शिकार लोगों को रकम वापस दिलाने में वह निशुल्क विधिक सहायता में मदद करेंगे। बार के फैसले से कई अधिवक्ता नाराज थे। इसके बाद बार ने अन्य अधिवक्ताओं से भी सूची मांगी थी। इसके बाद 22 अधिवक्ताओं ने अपना नाम दिया है।
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उमेश भाटी ने इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि संदीप के साथ हुई मारपीट गलत है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।