आशु भटनागर । यूं तो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के जून से में उद्घाटन को लेकर अभी तक कोई पक्की खबर नहीं है किंतु अगर 30 जून या जुलाई के मध्य तक भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हो जाता है तो इसको आरंभ से ही दिल्ली के इंटरनेशनल इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की कुल यात्रियों के एक चौथाई बिज़नेस का बड़ा फायदा हो जाएगा ।
दरअसल दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के सीईओ विधायक कुमार जयपुरिया के अनुसार दिल्ली हवाई अड्डा 15 जून से 15 सितंबर तक प्रतिदिन 114 उड़ाने रद्द करने वाला है । जिसके कारण अगले 3 महीनो में प्रतिदिन 200 से ज्यादा उड़ने दिल्ली में प्रभावित होगी। इनमें 86 को कम समय के लिए संचालित करके मैनेज किया जाएगा जबकि 114 उड़ानों को पूरी तरीके से रद्द किया जाएगा । अनुमान है कि 90 दिनों में 10,260 उड़ानें रद्द होंगी, जिससे 20.50 लाख से अधिक यात्री प्रभावित होंगे
आपको बता दें कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बने 4 रनवे पर प्रतिदिन 1450 उड़ानों का संचालन करता है 15 जून से रनवे 10/28 को अपग्रेड करने की योजना है इस रनवे को सर्दियों के मौसम से ठीक पहले 27 नवंबर तक पूरा होने की अपेक्षा की जा रही है ।
दिल्ली एयरपोर्ट के पास कुल चार रनवे हैं—09/27, 11R/29L, 11L/29R और 10/28। यात्रियों की सुविधा के लिए टी1 और टी3 टर्मिनल चालू रहेंगे जबकि टी2 में मरम्मत चल रही है। बची हुई उड़ानों की टाइमिंग समायोजित कर भीड़ कम की जाएगी। हम उस रनवे को और बेहतर करना चाहते हैं ताकि हमें आने वाली किसी भी समस्या से निजात मिल सके। विशेषकर कोहरे के मौसम के दौरान के लिए रनवे को और बेहतर किया जा रहा है
विदेह कुमार जयपुरियार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL)
ऐसे में अगर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की विकासकर्ता कंपनी नोएडा नियाल इसको जून के अंत या जुलाई के मध्य तक फंक्शनल करने में सफल हो जाती है तो दिल्ली एअरपोर्ट के 114 फ्लाइट्स के 20.50 लाख यात्रियों को न सिर्फ असुविधा से निजात मिल जाएगी बल्कि इसके विकल्प के तोर पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आरंभ होते ही बड़ा लाभ भी होगा । ऐसे अब ये देखना होगा कि क्या वाकई नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जून अंत या जुलाई मध्य तक आरम्भ हो जाएगा या इस बड़े अवसर से चुक जाएगा I
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (एनआईए) के बारे में जानने योग्य तथ्य
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लगभग 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ हैऔर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में स्थित है।
- परियोजना की अनुमानित लागत 30,000 करोड़ रुपये है
- परियोजना को यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) बना रही है जो स्विस फर्म ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
- उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, नोएडा हवाई अड्डा भारत का पहला शुद्ध-शून्य उत्सर्जन वाला हवाई अड्डा होगा।
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
- पहला चरण जून 2025 के अंत तक चालू होने की संभावना है।
- एक बार पूरा हो जाने पर, उत्तर प्रदेश भारत में 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला एकमात्र राज्य होगा (गौतम बुद्ध नगर, लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या)
- हवाई अड्डे को नियोजित दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा, जिससे लोग दिल्ली से हवाई अड्डे तक की यात्रा केवल 21 मिनट में पूरी कर सकेंगे।
- इसमें एक ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर होगा जिसमें एक मल्टीमॉडल ट्रांजिट हब होगा जिसमें मेट्रो और हाई-स्पीड रेल स्टेशन, टैक्सी, बस सेवाएं और निजी पार्किंग की सुविधा होगी।
- यह यमुना एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे आदि सभी प्रमुख नजदीकी सड़कों और राजमार्गों से जुड़ा होगा।
- हवाई अड्डे पर 20 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाला एक समर्पित कार्गो टर्मिनल होगा, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन किया जाएगा।
- दिल्ली एनसीआर के प्रमुख स्थानों से दूरी:
- आईजीआई हवाई अड्डा – 80 किमी
- दिल्ली – 70 किमी
- नोएडा – 50 किमी
- ग्रेटर नोएडा – 40 किमी
- गुड़गांव – 65 किमी
- IATA-अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ ने हाल ही में इस ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे को एक अद्वितीय तीन-अक्षर कोड, DXN , आवंटित किया है।