ग्रेटर नोएडा के स्वच्छता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण मुहिम शुरू की है। सीईओ एनजी रवि कुमार के मार्गदर्शन में, प्राधिकरण ने बल्क वेस्ट जेनरेटरों के कूड़े के प्रबंधन की जांच के लिए आठ विशेष टीमों का गठन किया है। यह टीमें मौके पर जाकर जांच करेंगी और यदि किसी प्रकार की खामी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण ने इस मुहिम की शुरुआत शनिवार से कर दी है, और इसका उद्देश्य ग्रेटर नोएडा की पहचान को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखना है। इस संदर्भ में, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने बताया, “हमें ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। हमारी टीमें लगातार निरीक्षण करेंगी, और जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
पहली टीम, जो सलाहकार पीपी सिंह की अगुवाई में थी, ने गौड़ संस हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर में कूड़े के प्रबंधन का निरीक्षण किया और पाया कि वहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 2016 के नियमों का पालन हो रहा है। दूसरी टीम ने अम्रपाली लेजर वैली का दौरा किया, जहां उचित कूड़ा प्रबंधन नहीं मिलने पर संबंधित संस्थान पर पेनल्टी लगाई गई। इस अभियान के दौरान, कुछ संस्थानों को पेनल्टी का सामना करना पड़ा, जबकि कई अन्य ने नियमों का पालन किया।
सलाहकार राजीव दीक्षित ने कहा, “हमारा लक्ष्य है सभी बल्क वेस्ट जेनरेटरों को सही तरीके से कूड़े का प्रबंधन करने के लिए प्रेरित करना। यह सिर्फ कानून का पालन करने के लिए नहीं, बल्कि समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।”
जांच टीमें ग्रेटर नोएडा के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय रूप से निरीक्षण कर रही हैं। यह मुहिम न केवल शहर की स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए है, बल्कि यह नागरिकों को जागरूक करने के लिए भी डिज़ाइन की गई है। एसीईओ श्रीलक्ष्मी ने बल्क वेस्ट जेनरेटरों से अपील की है कि वे खुद ही कूड़े का उचित प्रबंधन करें, ताकि शहर को स्वच्छ रखने में सहयोग मिल सके।
इस मुहिम की सफलता के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी आवश्यक है। प्राधिकरण का यह अभियान ग्रेटर नोएडा को एक स्वच्छ और स्वस्थ शहर बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ने का प्रयास है, जो न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी प्रकार की खामी मिलने पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस प्रकार, ग्रेटर नोएडा की सफाई और हरियाली को बनाए रखने की दिशा में यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।