यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने जनपद मथुरा में भूमि अधिग्रहण और राया नगरीय केंद्र एवं हेरीटेज सिटी के विकास के लिए वृंदावन में एक क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन किया है। यह कदम क्षेत्र में औद्योगिक और शहरी विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उद्घाटन समारोह के तुरंत बाद, यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने राया हेरीटेज सिटी के विकास के लिए नियुक्त परामर्शदाता एजेंसी के साथ एक बैठक भी की।

यीडा द्वारा विकसित किए जाने वाले राया नगरीय केंद्र और हेरीटेज सिटी के लिए 751 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इस परियोजना में बांके बिहारी मंदिर तक सीधा पहुंच मार्ग बनाने के साथ-साथ 12 एकड़ भूमि पर पार्किंग व्यवस्था का निर्माण करना शामिल है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर आधारित है, जिसमें थर्ड पार्टी कंशेशनायर अपने खर्च पर विकास कार्य करेगा। वहीं, यीडा भूमि अधिग्रहण पर आने वाले खर्च को वहन करेगा और कंशेशनायर हर वर्ष प्राधिकरण को आय का एक हिस्सा देगा।
डॉ. अरुणवीर सिंह ने बैठक में कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य राया नगरीय केंद्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।”
इस परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए यीडा ने वृंदावन में गीता संस्थान भवन में 7000 वर्ग फीट का स्थान किराए पर लिया है, जहां प्राधिकरण के भूलेख और नियोजन विभाग के अधिकारियों के साथ एक अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा। यह कदम विकास कार्यों को गति देने में सहायक होगा।
हालांकि, कुछ स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर चिंता व्यक्त की है। वृंदावन के एक स्थानीय निवासी, श्रीमान रामकृष्ण शर्मा ने कहा, “हम चाहते हैं कि विकास हो, लेकिन यह सुनिश्चित होना चाहिए कि स्थानीय संस्कृति और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।”
वहीं, प्राधिकरण के अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना न केवल विकास का नया आयाम खोलेगी, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित रखने में मदद करेगी।
संक्षेप में, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का यह कदम मथुरा में आर्थिक और शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना कैसे आकार लेती है और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव क्या होते हैं।