पहले सलवार-सूट पहनने पर दंपत्ति को रोका, अब दे रहे डिस्काउंट… दिल्ली में मंत्री कपिल मिश्रा के एक्शन के बाद टुबाटा  रेस्टोरेंट मालिक नीरज अग्रवाल की निकली हेकड़ी

NCR Khabar Internet Desk
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दिल्ली के पीतमपुरा स्थित टुबाटा रेस्टोरेंट में हाल ही में जारी एक वीडियो के बाद, जिसमें एक कपल को भारतीय परिधान में एंट्री से रोकने का मामला सामने आया, दिल्ली सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। इस विवादास्पद घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो स्थानीय निवासियों और राजनीतिक नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया।

दिल्ली के संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “पीतमपुरा के इस रेस्टोरेंट के संचालकों ने स्वीकार कर लिया है कि परिधान आधारित कोई प्रतिबंध अब नहीं लगाए जाएंगे। भारतीय परिधानों में आने वाले नागरिकों का स्वागत किया जाएगा और रक्षाबंधन पर भारतीय परिधानों में आने वाली बहनों को कुछ डिस्काउंट भी दिया जाएगा।”

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इससे पहले, कपिल मिश्रा ने वीडियो के वायरल होने के बाद गुस्से का इज़हार करते हुए एक और पोस्ट की थी। उन्होंने कहा, “पीतमपुरा के एक रेस्टोरेंट में भारतीय परिधानों पर रोक का वीडियो सामने आया है। ये अस्वीकार्य है। सीएम रेखा गुप्ता जी ने घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है। अधिकारियों को इस घटना की जांच और तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।”

वायरल हुए वीडियो में एक दंपत्ति को दिखाया गया है, जिसमें वे अपनी भारतीय परिधान (सूट-सलवार) की वजह से रेस्टोरेंट में प्रवेश से वंचित होने की कहानी बयाँ कर रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति ने कहा, “यहां के स्टाफ ने इंडियन कल्चर और एक महिला की बेइज्जती की है। क्या इंडियन कल्चर के कपड़े पहनना खराब है?” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के रेस्टोरेंट को बंद किया जाना चाहिए, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं।

इस घटना ने विभिन्न समुदायों में गुस्सा उत्पन्न किया है और स्थानीय निवासियों ने इस निंदा की है कि भारतीय परिधानों पर इस प्रकार की पाबंदी लगाना अस्वीकार्य है। कई निवासियों ने सोशल मीडिया पर इस रेस्टोरेंट के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया और एकजुटता के साथ भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में पारंपरिक कपड़ों को पहनने की आवश्यकता पर जोर दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संदर्भित करती हैं। समाज में विभिन्न धरोहरों का सम्मान किया जाना चाहिए, और इसी प्रकार के व्यवहार इस विविधता को समेटने में असहयोगी हैं।

कपिल मिश्रा के इस अहम कदम ने न केवल रेस्टोरेंट के संचालकों को अपने दृष्टिकोण को बदलने के लिए मजबूर किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि दिल्ली सरकार भारतीय संस्कृति को प्राथमिकता देने और आम जनता के अधिकारों की रक्षा करने के लिए तत्पर है।

दिल्ली सरकार की इस कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि वे स्थानीय निवासियों की चिंताओं को गंभीरता से लेते हैं और सांस्कृतिक संवेदनाओं के प्रति संवेदनशील हैं। अब सभी की नजरें इस रेस्टोरेंट पर हैं, यह देखने के लिए कि क्या वे वास्तव में अपने प्रतिबंधों को समाप्त करेंगे और भारतीय परिधान पहनने वालों का स्वागत करेंगे।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय के भीतर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें सभी भारतीय परिधानों के प्रति सम्मान और स्वीकृति की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ कम होंगी और भारतीय संस्कृति का सम्मान किया जाएगा।

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