नोएडा में आरडब्ल्यूए के महासंघ होने का दावा करने वाले संस्था फोनरावा के चुनावों का बिगुल बज गया है । शुक्रवार को सेक्टर 26 के सामुदायिक भवन में योगेंद्र शर्मा पक्ष की टीम ने बैठक की और सभी ने योगेंद्र शर्मा को अध्यक्ष पद के लिए और के के जैन को महासचिव के लिए दोबारा से प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया ।
वही चर्चाओं में योगेंद्र शर्मा के दोबारा चुनाव लड़ने को लेकर कई प्रश्न भी खड़े हो रहे हैं बताया जा रहा है कि योगेंद्र शर्मा को लोकसभा सांसद डा महेश शर्मा का आशीर्वाद प्राप्त है ।तो उनके खिलाफ राजीव गर्ग दूसरे पक्ष की तरफ से खड़े हो रहे हैं दोनों ही लोगों के रियल एस्टेट बिजनेस में होने से दोनों की प्रतिबद्धताओं और महत्वाकांक्षाओं को लेकर भी प्रश्न उठ रहे हैं ।
योगेंद्र शर्मा के दोबारा चुनाव लड़ने से एक बार फिर से एक पदाधिकारी के दोबारा चुनाव न लड़ने की मांग भी उठने लगी है संस्था के पूर्व पदाधिकारी पवन यादव ने बड़े पदों पर एक ही बार चुनाव लड़ने की मुहिम छेड़ी हुई है ऐसे में फिर से योगेंद्र शर्मा का चुनाव लड़ना प्रश्न खड़े कर रहा है
संस्था के पूर्व पदाधिकारी ने एनसीआर खबर से बातचीत में बताया की रियल एस्टेट के व्यापार से जुड़े योगेंद्र शर्मा फोनरवा के बहाने इस जिले में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा साधना चाहते हैं और 2022 के चुनाव में उनकी ऐसी नाकाम कोशिश दिखाई भी थी जब अचानक पूरे शहर में उनके नाम के होर्डिंग्स दिखाई दिए जिसको अगले दिन प्राधिकरण ने हटा दिया था ।
वहीं विरोधी प्रत्याशी राजीव गर्ग के बारे में कहा जा रहा है कि वह भी रियल एस्टेट बिजनेस से जुड़े हुए हैं और ग्रेटर नोएडा में लो फ्लोर फ्लैट बना रहे है ।
योगेंद्र शर्मा और राजीव गर्ग गुट की लड़ाई फोनरवा के साथ-साथ आरडब्ल्यूए में दिखाई देती है । बीते दिनों सेक्टर 11 में राजीव गर्ग के गुट वाले सदस्यों ने योगेंद्र शर्मा के गुट से आने वाले शहर की पहली महिला अध्यक्ष अंजना भागी को चुनाव के महज 6 महीने के अंदर ही अध्यक्ष पद से सामूहिक निर्णय लेकर नियमों के विरुद्ध जाकर हटा दिया था । जिसको लेकर पूरे शहर में आलोचना हुई थी ।
ऐसे में फोनरवा का यह चुनाव राजनीतिक और व्यापारिक हितो को साधने का केंद्र बन गया है आपको बता दें कि प्राधिकरण ने पहले ही फोनरवा और ऐसी संस्थाओं को सिर्फ एनजीओ के तौर पर बताया है । किंतु बीते 25 सालों में देखा गया है कि ऐसी संस्थाओं के बहाने प्राधिकरण के अधिकारियों से जान पहचान और अपने काम निकलवाने जैसी बाते सामने आती रही है । संस्था द्वारा अभी तक 25 सालों का एकमात्र कार्य नोएडा टोल को फ्री करवाने का रहा है जिसको लेकर भी कई पक्ष द्वारा अलग-अलग दावा किया जाता रहा है । जिसमे कप्तान विकास गुप्ता की संस्था अलग दावा करती है और यह संस्था अलग दावा करती है ।
ऐसे में अब इस चुनावी बिगुल में कौन सा पक्ष भारी पड़ेगा यह आने वाले दिनों में दिखेगा क्योंकि इसी फोनरवा के पूर्व सचिव राजीव चौधरी शुक्रवार को डिप्टी रजिस्ट्रार से मिले और पूर्व दिए नोटिस को महीने भर की जगह 15 दिन में करने को कहा है ।
एनसीआर खबर आने वाले दिनों में इस चुनाव की व्यापक कवरेज करने जा रहा है । चुनाव से लेकर अगर आपके विचार या कोई जानकारी है तो हमे 9654531723 पर भेजे ।