लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है ऐसे में पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी अपने संगठन के जरिए लगातार लोगों की समस्याओं पर कार्य करने में लगे हैं किंतु गौतम बुध नगर के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लोगों की प्रमुख समस्याओं पर भारतीय जनता पार्टी के नेता कान में रुई डालकर सोए हुए हैं हैं । यहां पर फ्लैट की रजिस्ट्री,सार्वजनिक परिवहन मेट्रो और बस और आवारा कुत्तों की बड़ी समस्याओं पर भाजपा के नेताओं की उदासीनता और रूखा व्यवहार लोगों में भाजपा के प्रति गुस्सा भर रहा है ।
लोगों कहना है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भाजपा के वर्तमान नेता यहां अपनी गुटबाजी से बाहर नहीं आ पा रहे हैं और क्षेत्रीय विधायक और सांसद तक समस्या को पहुंचने में नाकाम रहे हैं । ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट की रजिस्ट्री को लेकर तमाम दावे किए जाते रहे हैं । मेट्रो और बस को लेकर कोई व्यवस्था नहीं है । जमीनी सच्चाई यह है कि लोगों की समस्याओं से नेताओं को कोई खास फर्क नहीं पड़ता है ।
इस क्षेत्र में आवारा कुत्तों की समस्या से यहां की ढाई सौ सोसाइटियों के 2 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी प्रभावित होती है किंतु यहां मौजूद नेताओं को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है लोगो का आरोप है कि आए दिन तथा कथित कुत्ता प्रेमी भाजपा सांसद मेनका गांधी के संरक्षण में आम निवासियों की जिंदगी खतरे में डालते रहते हैं लेकिन स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा उनका कोई सहयोग नहीं किया जाता है ।
एनसीआर खबर ने कुछ माह पूर्व कुत्तों की समस्या को लेकर भाजपा से लोकसभा का टिकट मांग रहे गोपाल कृष्ण अग्रवाल से एक इंटरव्यू के दौरान जब बातचीत की थी तो उन्होंने इस मुद्दे की जानकारी होने और उस पर बात करने से ही मना कर दिया था। ऐसे में जन समस्याओं से की जानकारी का दावा अपने विजन डॉक्यूमेंट में करने वाले गोपाल कृष्ण अग्रवाल इस सबसे बड़ी समस्या से की जानकारी जानबूझकर नहीं रख पा रहे हैं या फिर उनको लोगों की समस्या से वाकई कोई मतलब नहीं है यह बड़ा प्रश्न है ।
वहीं बीते दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एनसीआर खबर ने जब यहां से एमएलसी विधायक श्री चंद शर्मा से इस प्रकरण पर बातचीत की तो उन्होंने मुद्दे को ही हल्का करते हुए कहा कि क्या गांव में पहले कुत्ते नहीं होते थे या वह नहीं काटते थे। नेताजी गांव की आबादी और शहर की आबादी और यहां कुत्तों को जबरदस्ती सोसाइटी में लाने जैसे मुद्दों से बचते दिखे तो वहीं उनके एक सहयोगी कहते दिखे की कुत्तों की जमीन पर लोगों ने फ्लैट बना लिया तो कुत्ते कहां जाएंगे, तो एक अन्य नेता ने ज्ञान देते हुए कहा कि पहले तो कुत्ते के काटने पर 14 इंजेक्शन लगते थे अब तो एक इंजेक्शन से ही काम हो जाता है।
कुल मिलाकर भाजपा नेताओं का कुत्तों के प्रकरण पर लब्बोलुबाब यह है कि निवासियों के बच्चों को बुजुर्गों को आवारा कुत्ते चाहे काटते रहे चाहे वह उनसे पीड़ित होते रहे हैं किंतु नेताओं का कुत्ता प्रेम लोगों की समस्याओं पर भारी पड़ रहा है।
ऐसे में यहां मौजूद सोशल मीडिया ग्रुपों पर निवासियों का गुस्सा लगातार भाजपा के खिलाफ बढ़ता जा रहा है सीमित मात्रा में ही सही कहीं ना कहीं निवासियों के मन में अब यह भावना है कि दो बार केंद्र में और दो बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बावजूद फ्लैट रजिस्ट्री मेट्रो और आवारा कुत्तों के मामले पर स्थानीय भाजपा संगठन और भाजपा नेताओं की काम करने की कोई इच्छा नहीं है इसलिए या तो अपना वोट नोटा पर दिया जाए या फिर किसी अन्य दल को देखकर अपना विरोध प्रकट किया जाए