उत्तर प्रदेश में नंबर एक स्थान पर आने वाले नोएडा कमिश्नरेट की हाईटेक पुलिस जिले में कानून व्यवस्था पर किस कदर लाचार है । उसका पता 5 दिन पहले एक कारोबारी के बेटे के अपहरण के बाद अब लाश मिलने से पता चलता है । नोएडा में यह कोई पहला मौका नहीं है जब अपहरण के बाद बदमाशों ने हत्या कर दी है और पुलिस लकीर पीटती रही इससे पहले बिलासपुर के वैभव सिंघल हत्याकांड में भी ठीक यही लापरवाही सामने आई थी। 10 दिन तक पुलिस परिवार को घूमते रही और उसके बाद वैभव सिंघल की लाश मिली थी ।
अब एचछर के शिवा ढाबा के 15 वर्षीय पुत्र की लाश बुलंदशहर से मिलने के बाद जॉइंट पुलिस कमिश्नर और डीआईजी शिवहरि मीणा का बयान जारी हुआ है उन्होंने कहा है कि हमें मामले में इंपॉर्टेंट तथ्य मिले हैं जिनके आधार पर कार्यवाही की जाएगी ।
किंतु शहर में पुलिस की लापरवाही से नाराज लोगों ने यूपी सरकार से नोएडा पुलिस कमिश्नरेट पर लगाम करने को कहा है लोगों ने कहा है कि नोएडा पुलिस का ध्यान सड़कों पर वसूली पर ज्यादा रहता है अपराध को रोकने में काम रहता है।
पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हुए लोगो ने कहा कि चुनावों में 10, 20, 30 ₹50000 लेकर चलने वाले आम आदमियों की धर पकड़ कर अपनी पीठ ठोकने वाली पुलिस तिलपता से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट के चेरी काउंटी तक चौकियों के नजदीक अवैध ईट कैसे बिकती हैं ये नही बता पाती है। खनन माफिया किसके संरक्षण में खनन का काम कर रहे हैं। डूब क्षेत्र में चल रहे अवैध क्रिकेट ग्राउंड और सड़कों पर लड़ने वाले बाजरो तक से पुलिस अनजान है । यहां तक कि पुलिस चौकी के करीब बीते दिनों स्पा सेंटर में वैश्यावृत्ति तक के वीडियो वायरल हुए मगर पुलिस को कुछ नहीं पता है। कई समाजसेवियों ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस की मुस्तैदी बस वही काम करती है जहां पर उन्हें पैसा दिख रहा होता है अपराधों के समय और आम आदमी की मदद के समय हाईटेक पुलिस शून्य हो जाती है
लोगो का दावा है कि नोएडा के असली भूमाफियाओं, खनन माफियाओं और अपराधियों के पीछे बड़े नेताओं का वरदहस्त है ऐसे में नोएडा पुलिस शहर में छोटे-छोटे झगड़ों में शांति भंग के 107/16 के मुकदमे लाद कर आम लोगो गैंगस्टर बनाने में लगी रहती है और असली अपराधी यहां लगातार अपराधों को अंजाम दे रहे हैं ।
15 वर्षीय पुत्र की हत्या के समाचार के बाद परिवार टूट गया है और उसने पुलिस पर तमाम आरोप लगाए हैं। बेटे की हत्या से दुखी परिवार का भी कहना है कि पुलिस अगर कोशिश करती तो शायद उनका पुत्र उन्हें जिंदा वापस मिल जाता ।
आपको बता दें कि अपहरण की पूरी फुटेज पुलिस के पास मौजूद थी जहां उसमें दिखाई दे रहा है कि एक गाड़ी शिवा ढाबे के आगे रूकती है वहां मौजूद उनके पुत्र को एक लड़की सामान देने के नाम पर गाड़ी तक ले जाती है और उसके बाद उसका अपहरण कर लेता है किंतु उसके बाद पुलिस के द्वारा सिर्फ जांच के नाम पर हिलाहवाली होती रहती है और आज बच्चों की लाश बुलंदशहर में नहर से बरामद होती है।