आशु भटनागर । क्या गौतम बुध नगर जैसे जिले में अब ग्रामीण महिलाओं का उपयोग गलत को सही साबित करने के लिए होने लगा है ? क्या गौतम बुध नगर में जमीनों के बढ़ते रेट उनकी आड़ में उपजे किसान संगठनों के बाद अब अवैध जमीनों पर कब्जे शराब की दुकानों के सिंडिकेट चलाने वालों के लिए यह ग्रामीण महिलाएं नया हथियार हैं ? और क्या यह जिले में अर्बन नक्सलवाद की आहट का अभिनव प्रयोग है, जहां किसानों के बाद अब महिलाओं को हथियार बनाकर पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ नई किस्म के आक्रोश का सहारा लिया जा रहा है ।

बीते एक माह की दो घटनाओं को अगर समझे तो इस सब का जवाब हां में दिखाई दे रहा है मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के सुनपुरा गांव में हाई वे से महज कुछ मीटर दूर अवैध धोखे को रखकर बनाई गई शराब की दुकान को हटाने के लिए प्राधिकरण की टीम जब पुलिस बल के साथ पहुंची तो प्राधिकरण के विरोध को करने के लिए शराब की दुकान की जगह ग्रामीण और महिलाये सामने आए । सोशल मीडिया पर प्राधिकरण और पुलिस के विरुद्ध लोगो को गंभीर रूप से पीटने के दावे विडियो वायरल किये गए। दूसरी और शराब माफियाओं द्वारा महिलाओं को आगे करके पुलिस और प्राधिकरण की टीम को बेबस कर दिया जिसके कारण पुलिस और प्राधिकरण की टीम बैरंग लौट आई फिलहाल प्राधिकरण ने पूरी घटना के खिलाफ एफ आई आर लिखवाने की तैयारी कर ली है ।
प्राधिकरण की टीम 130 मी हाई वे पर स्थित सुनपुरा गांव की 20000 वर्ग मीटर भूमि पर इस अवैध निर्माण को को हटाने गई थी जहां पर एक शराब की दुकान भी चल रही थी मौके पर मौजूद पुलिस बल का विरोध महिलाओं द्वारा किया गया। अवैध अतिक्रमण के साथ-साथ नियम अनुसार हाईवे के 220 मीटर दूर तक कोई भी शराब की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता है । प्राधिकरण अधिसूचित भूमि पर नियम के विरुद्ध इस बनी दुकान को हटाने के लिए आबकारी विभाग को पत्र लिख रहा है ।
ए के सिंह, महाप्रबंधक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
वहीं दूसरी घटना कुछ दिन पूर्व जगत फार्म के पास शराब के ठेके पर हुई जहां ओवरराइटिंग कर रहे ठेके पर सेल्समैन को रंगे हाथ पकड़ने गए आबकारी निरीक्षक पर हमला ओर सेल्समेन और आबकारी निरीक्षक के बीच हाथापाई के बाद अगले दिन शराब सेल्समैन के समर्थन में महिलाओं का एक पूरा झुंड जिला अधिकारी के कार्यालय पर पहुंच गया और सेल्समैन को उनको सौंप देने की मांग करने लगा । कानून व्यवस्था के विरुद्ध इतना बड़ा विरोध गौतम बुध नगर में संभवत: किसी ने न सोचा होगा जब जिला अधिकारी कार्यालय पर आबकारी निरीक्षक को महिलाओं को आगे करके उसकी लिंचिंग करने के लिए मांगा जा रहा हो ।
ऐसे में गौतम बुध नगर में क्या अब महिलाओं ने प्राधिकरण और प्रशासन के साथ-साथ पुलिस बल का मुकाबला करने की नई रणनीति बना ली है या फिर शराब से जुड़े व्यापार अवैध माफियाओं ने महिलाओं को आगे करके पुलिस को बेबस करने की नई रणनीति बना लिया। निश्चित तौर पर ऐसे कृत्यों में शामिल महिलाओं को संभावित कानून का ज्ञान भी नहीं होगा किंतु अपराध कर रहे लोगों के परिवारों से जुड़े होने के चलते उनको यहां तक बहका कर लाना आसान रह रहा होगा जिसका तोड़ प्रशासन और पुलिस कमिश्नरेट दोनों को निकालना पड़ेगा ।