आशु भटनागर । यमुना प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले जेपी समूह की आवासीय परियोजनाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट में यमुना प्राधिकरण से परियोजना को पूरा करने और ऋण वापस लौटाने का प्लान मांगा है । दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 मार्च को जेपी एसोसिएट मामले में अपना फैसला देते हुए प्राधिकरण द्वारा भूखंड रद्द करने की कार्यवाही को सही बताया था। आवासीय परियोजना को पूरा करने के लिए शासन को चार सप्ताह में प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित करने के आदेश दिए थे ।
इस पूरे प्रकरण पर यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि शासन ने समिति का गठन कर दिया है हालांकि इसकी सूचना अभी जारी होना शेष है समिति गठित होने के बाद आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विकास करता कंपनी का चयन करेगी इसके लिए संभवत मई तक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी निकला जाएगा।
परियोजनाओं को पूरा करने के लिए यमुना प्राधिकरण बिना भी की यूनिटों को बेचकर राशि जुटाएगा प्राधिकरण सूत्रों के अनुसार कुल 2433 करोड रुपए की राशि में से 1900 करोड रुपए जेपी ने फ्लैट वायर से ले लिए थे जबकि 532 करोड़ शेष है । इसके अलावा बिना भी के 1872 फ्लैट को भी बेचा जाएगा । साथ ही एस ई जेड की बची हुई 600 एकड़ जमीन पर यमुना प्राधिकरण अन्य एक्टिविटी डेवलप करेगा ।
आपको बता दें जेपी एसोसिएट को 1000 हेक्टेयर का भूखंड आवंटित किया था । जिसमें 2020 में प्रीमियम और अन्य देय राशि का भुगतान न करने पर आवंटन रद्द कर दिया था । जेपी समूह की आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण ने ली थी। तब इस प्रोजेक्ट की बकाया राशि 2448 करोड रुपए थी। जेपी ने ऐसई जेड में सब लीज करके अन्य बिल्डर कंपनियों को भी आवासीय जमीन विक्रय की थी । ऐसे में अब यमुना प्राधिकरण इन सभी बायर्स को बिना अतिरिक्त शुल्क दिए परियोजनाओं को पूरा करने की कोशिश करेगा।

आपको बता दें SEZ में ग्रुप हाउसिंग के अलावा कमर्शियल संस्थागत (जिसमें एजुकेशन हेल्थ और कम्युनिटी शामिल है) के अलावा स्पोर्ट्स सिटी का भी प्लान था । जिसमें फॉर्मूला वन सर्किट विकसित हो चुका था उसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम स्पोर्ट्स अकैडमी हेल्थ सेंटर हॉकी स्टेडियम फुटबॉल स्टेडियम टेनिस कोर्ट मल्टी स्पोर्ट्स कांपलेक्स आदि शामिल थे।